एस्ट्राजेनेका के सीईओ का दावा- कोरोना वायरस के खिलाफ 100 प्रतिशत तक कारगर है वैक्सीन
वैक्सीन के शुरुआती ट्रायल्स में इसकी एवरेज इफेक्टिवनेस 70 फीसदी मिली थी. हालांकि डोज बढ़ने के साथ इसकी इफेक्टिवनेस भी 90 प्रतिशत तक पहुंच गई. अब सीईओ ने इस पर खुलकर बात की है.
नई दिल्लीः ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित की गई वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ 100 प्रतिशत तक सुरक्षा प्रदान करेगी. यह दावा एस्ट्राजेनेका के सीईओ पास्कल सोरियट ने रविवार को दिए एक इंटरव्यू में किया है.
फिलहाल इस वैक्सीन का मूल्यांकन ब्रिटेन का मेडिसिन रेगुलेटर कर रहा है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के गंभीर रोगियों पर भी वैक्सीन का काफी असर होगा.
सीईओ ने कहा कि ट्रायल से पता चलता है कि उनकी फर्म ने फाइजर-बायोनटेक (95%) और मॉडर्ना (94.5%) वैक्सीन के बराबर प्रभावकारिता हासिल की है. उन्होंने इंटरव्यू में कहा, "हमें लगता है कि हमने जीत के फॉर्मूले और प्रभावकारिता प्राप्त करने का पता लगा लिया है. वैक्सीन की दो डोज के बाद यह काफी कारगर साबित होगी.”
ब्रिटेन सरकार ने 23 दिसंबर को घोषणा की कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के डेवलपर्स ने इसके इस्तेमाल करने की मंजूरी के लिए आवेदन किया. ब्रिटेन की मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट रेगुलेटरी एजेंसी इसके डाटा के अध्ययन के बाद कोई फैसला लेगी. ब्रिटिश मीडिया की मानें तो सोमवार को इस वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति मिल सकती है.
फाइजर-बायोनटेक की वैक्सीन को यूके की रेगुलेटरी ने इस्तेमाल की अनुमति दे दी है. यह ब्रिटेन में इस्तेमाल होने वाली पहली वैक्सीन बन चुकी है. अब तक हजारों लोगों को यह वैक्सीन लगाई जा चुकी है. ब्रिटेन की वैक्सीन की आवश्यकताओं की पूर्ति एस्ट्राज़ेनेका और ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित वैक्सीन से पूरा होने की उम्मीद है, क्योंकि सरकार ने 10 करोड़ डोज का ऑर्डर दे दिया है.
गौरतलब है कि इससे पहले एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन की प्रभावकारिता में अलग-अलग रिजल्ट देखने को मिले थे. वैक्सीन ने औसतन 70% प्रभावशीलता दिखाई, लेकिन यह स्तर डोज के आधार पर 90% तक हो गया. कंपनी के सीईओ का कहना है कि वे शुरुआती परिणामों से हैरान हैं.