चंडीगढ़: केंद्र की मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर कांग्रेस ने उस पर करारा हमला बोला. इस मौके पर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार अपने तीन साल के कार्यकाल में रोजगार पैदा करने से लेकर सभी मोर्चों पर नाकाम रही. इस दौरान हरियाणा कांग्रेस प्रमुख अशोक तंवर भी मौजूद थे.
''हर महीने 10 लाख युवा बेरोजगारों की कतार में''
कांग्रेस महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी ने कहा, ‘‘बीजेपी सरकार सभी मोर्चों पर नाकाम रही है. दो करोड़ रोजगार सालाना पैदा करने के उनके लंबे चौड़े वादे नाकाम हो गए हैं. हर महीने 10 लाख युवा बेरोजगारों की कतार में जुड़ रहे हैं.’’
जोशी ने कहा, ‘‘भारत को 2028 तक रोजगार के 34.35 करोड़ अवसर पैदा करने की जरूरत है जो हर साल तीन से चार करोड़ रोजगार का आंकड़ा होगा. मौजूदा रफ्तार से सरकार को इतने रोजगार पैदा करने में 1,560 साल लगेंगे. ’’
नोटबंदी के चलते धीमी हुई देश की वृद्धि दर
पार्टी प्रवक्ता जोशी ने आरोप लगाया कि बीजेपी सिर्फ दुष्प्रचार, धुव्रीकरण की राजनीति, झूठे वादों और लोगों को गुमराह करने में यकीन रखती है. उन्होंने कहा कि मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश की वृद्धि दर मुख्य रूप से नोटबंदी के चलते धीमी हुई है. सर्वाधिक प्रभाव अनौपचारिक क्षेत्र पर देखा जा रहा है, सरकार को बताना चाहिए कि इस क्षेत्र में कितने लोगों ने रोजगार गंवाया है.
पिछली कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के उलट, किसी घोटाले की जद में नहीं आने की बीजेपी की दलील के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने कहा ‘‘आप कुछ वक्त इंतजार करें, कई चीजें निकल कर सामने आएंगी.’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस बारे में सबूत जुटाएगी कि भ्रष्टाचार कैसे हो रहा है और फिर इसे लोगों के सामने लाएगी.
बड़ी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं ?
उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक जिम्मेदार पार्टी है, हम लोगों को गुमराह नहीं करना चाहते...हम यह भी पूछना चाहते हैं कि कुछ बड़ी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई जो बैंकों का सवा लाख करोड़ रूपया लेकर बैठे हुए हैं.
जोशी ने कहा कि बीजेपी नीत सरकार ने पिछले तीन साल में शिक्षा उपकर के रूप में 1,32,649 करोड़ रूपया जमा किया है. कोई नहीं जानता कि यह रूपया कहां गया. उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल 4. 7 करोड़ स्कूली बच्चे बीच में ही पढ़ाई छोड़ रहे हैं और सरकारी स्कूलों में पांच लाख से अधिक शिक्षकों की रिक्तियां हैं.
मिड डे मील के लिए ‘आधार’ अनिवार्य
जोशी ने कहा कि मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) के लिए ‘आधार’ अनिवार्य कर दिया गया है, जो कई सारे बच्चों को इस भोजन से महरूम कर सकता है. उन्होंने आरोप लगाया कि यूजीसी के बजट में 2015- 16 की तुलना में 2016-17 में 55 फीसदी की कटौती की गई है.
मनरेगा पर उन्होंने कहा कि सरकार ने 2017-18 में मजदूरी औसतन महज 2.7 फीसदी बढ़ाई है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक मजाक है कि असम, झारखंड, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे बीजेपी शासित राज्यों में 2017- 18 में मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी में एक रूपये की वृद्धि की गई.
उन्होंने कहा कि एक ओर तो बीजेपी ने मनरेगा के लिए आधार अनिवार्य कर दिया है वहीं दूसरी ओर सिर्फ 15 फीसदी पंजीकृत मजदूर ही दिसंबर 2016 तक आधार आधारित भुगतान से जुड़े हैं.
पंचायती राज व्यवस्था में भागीदारी से वंचित महिलाएं
पंचायत चुनाव लड़ने के लिए हरियाणा सरकार के योग्यता तय करने के कदम का जिक्र करते हुए जोशी ने कहा कि राजस्थान और हरियाणा में बीजेपी सरकारों ने शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य कर 75 फीसदी महिलाओं को पंचायती राज व्यवस्था में भागीदारी से वंचित कर दिया है.
उन्होंने कहा कि दो से अधिक बच्चे होने को लेकर असम में महिलाओं को दंडित करते हुए उनसे निर्वाचित होने का अधिकार छीना जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार की नौकरियों में अनुसूचित जातियों की भर्ती बीजेपी शासन के दौरान 91 फीसदी तक गिरी है.