जम्मू कश्मीर. जम्मू कश्मीर में इस साल आतंकियों से लोहा लेते हुए भारतीय सेना के 31 जवानों ने शहादत दी है. इनमें से 3 जवान पेट्रोलिंग मिशन के दौरान शहीद हुए हैं, जबकि जम्मू कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में हुए एनकाउंटर में 28 जवानों ने अपनी जान गंवाई है.      

इस साल जम्मू कश्मीर में कई एनकाउंटर हुए हालांकि, इनमें 9 ऐसे थे, जिनमें जवानों की शहादत हुई. इनमें से 6 मुठभेड़ जम्मू डिवीजन में जबकि 3 कश्मीर घाटी में हुईं. जम्मू के पुंछ और राजौरी में हुए एनकाउंटर में 21 जवान इस साल शहीद हुए हैं. जबकि घाटी में ऑपरेशन के दौरान 7 जवानों ने अपनी जान गंवाई. 


इस साल मार्च, जून, जुलाई और अक्टूबर में किसी भी जवान की जान नहीं गई. फरवरी में एक जवान शहीद हुआ था. वहीं, अप्रैल, मई, नवंबर और दिसंबर में 5-5 जवानों ने शहादत दी. इसके अलावा सितंबर में चार और अगस्त में तीन जवान शहीद हुए. वहीं, इस साल जनवरी में नॉर्थ कश्मीर के कुपवाड़ा में रुटीन ऑपरेशन के दौरान एक JCO और दो जवानों की गहरी खाई में गिरकर मौत हो गई थी. 


कब और कहां शहीद हुए जवान?


- इस साल फरवरी में पुलवामा के अवंतीपोरा में हुए एनकाउंटर में हिमाचल प्रदेश का रहने वाला एक जवान शहीद हो गया था. वहीं, 5 अप्रैल को पुंछ के भट्टा धुरियन में आतंकी हमले में 5 जवान शहीद हो गए थे. आतंकियों ने सेना के वाहन पर ग्रेनेड से हमला किया था.  
- मई में राजौरी में IED ब्लास्ट में 5 जवान शहीद हो गए थे. ये जवान राजौरी के जंगलों में सर्च ऑपरेशन चला रहे थे.
- अगस्त में कुलगाम में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में 3 जवान शहीद हो गए थे. 
- सितंबर में राजौरी के नरला गांव में मुठभेड़ में एक सैनिक और सेना के एक कुत्ते की मौत हो गई थी. इसके अलावा दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग में आतंकियों से मुठभेड़ में एक कर्नल और एक मेजर समेत 3 जवान शहीद हो गए थे.
- नवंबर में राजौरी के कालाकोट में 30 घंटे चली मुठभेड़ में दो कैप्टन समेत सेना के 5 जवान शहीद हो गए थे. 
- आतंकियों ने दिसंबर में पुंछ में घात लगाकर सेना के दो वाहनों को निशाना बनाया. इसमें 5 जवान शहीद हो गए, जबकि दो जख्मी हुए हैं. ये जवान सर्च ऑपरेशन में शामिल होने के लिए जा रहे थे.