नई दिल्ली: देश में गौ रक्षकों के द्वारा की जाने वाली हत्याओं में पुलिस का भी हाथ होता है यह दावा मानवाधिकार संस्था 'ह्यूमन राइट वॉच' ने किया है. ह्यूमन राइट संस्था की रिपोर्ट में कहा गया है कि मई, 2015 से दिसंबर, 2018 के बीच गौहत्या और तस्करी से जुड़े मामले में 44 लोगों की हत्या हुई है. इनमें से 36 मुस्लिम थे. मानवाधिकार संस्था ने कहा कि हत्या के हर केस में पुलिस ने शुरुआती जांच को रोके रखा.


ह्यूमन राइट वॉच ने कानून व्यवस्था को बनाए रखने वाले संस्थाओं से इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की. ह्यूमन राइट वॉच के साउथ एशिया डायरेक्टर मीनाक्षी गांगुली ने कहा है कि गौरक्षा अभियान एक भीड़ में तब्दील हो गया है जिसके बहाने अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों पर हमले बढ़े हैं.


मीनाक्षी गांगुली ने कहा, "गौरक्षा की शुरुआत हिन्दू वोट को अपने पाले में लेने के लिए की गई, लेकिन यह शुरुआत बदलकर एक फ्री पास में तब्दील हो गया जिसके बहाने भीड़ ने अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों पर हमले किए और उनकी हत्या की गई". मीनाक्षी गांगुली ने कहा कि देश की संस्थाओं को इस तरह के हमले का बचाव करने से बचना चाहिए और आरोपियों का बचाव नहीं करना चाहिए.


हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गौ तस्करी से संबंधित अपराधों की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि ऐसे ग्रुप पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए जो हिंसा के लिए धर्म को पर्दे के तौर पर इस्तेमाल करते हैं.


यह भी पढ़ें-

कीर्ति आज़ाद ने कहा- पिता और उनके लिए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने 'लूटा' है बूथ

पुलवामा हमले पर चारों तरफ से घिरे पाकिस्तान ने नहीं ली सीख, फिर किया सीजफायर उल्लंघन

देखें वीडियो-