जिनिवा: भारत ने आज कहा कि यह एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जिसका कोई राजकीय धर्म नहीं है और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की हिफाजत इसकी राजनीतिक व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण तत्व है.


दरअसल, पाकिस्तान ने अल्संख्यकों से बर्ताव को लेकर भारत की आलोचना की है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 27 वें सत्र में यहां अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि भारतीय संविधान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए विभिन्न प्रावधान हैं.


भारत जाति, नस्ल, रंग या धर्म में भेदभाव नहीं करता
परिषद में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे रोहतगी ने कहा कि भारत नागरिकों के जाति, नस्ल, रंग या धर्म में कोई भेदभाव नहीं करता. उन्होंने कहा, ‘‘भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है जिसका कोई राजकीय धर्म नहीं है.’’उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान हर व्यक्ति को धर्म की स्वतंत्रता की गारंटी देता है.


अभिव्यक्ति का अधिकार भारतीय संविधान के मुख्य हिस्से में
उन्होंने कहा कि स्वतंत्र वाक् एवं अभिव्यक्ति का अधिकार भारतीय संविधान के मुख्य हिस्से में अपना वाजिब स्थान रखता है. रोहतगी ने सदस्य देशों से कहा कि विश्व के सबसे बड़े बहु स्तरीय लोकतंत्र के नाते हम स्वतंत्र वाक एवं अभिव्यक्ति को महत्व देते हैं. हमारे लोग अपनी राजनीतिक स्वतंत्रता को लेकर सचेत हैं और हर अवसर में अपनी पसंद का इस्तेमाल करते हैं.


अहिंसा और मानव की गरिमा कायम रखने में यकीन
रोहतगी ने कहा, ‘‘हम शांति, अहिंसा और मानव की गरिमा कायम रखने में यकीन रखते हैं. हमारी संस्कृति में प्रताड़ना पूरी तरह से अपरिचित चीज है और राष्ट्र के शासन में इसका कोई स्थान नहीं है. ’’


आफ्सपा सिर्फ अशांत इलाकों में लागू
आफ्सपा पर उन्होंने कहा कि यह अधिनियम सिर्फ अशांत इलाकों में लागू होता है और ये इलाके बहुत कम हैं और कुछ अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पास हैं. रोहतगी ने कहा, ‘‘यह अधिनियम खत्म होगा या नहीं, मेरे देश में चल रही राजनीतिक बहस का विषय है.’’


ट्रांसजेंडर को समान अधिकारों को मान्यता देने में भारत आगे
ट्रांसजेंडर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भारत उनके समान अधिकारों को मान्यता देने में आगे रहा है. उच्चतम न्यायालय ने 2014 में एक ऐतिहासिक फैसला देते हुए सरकार को निर्देश दिया कि इसे ‘थर्ड जेंडर’ घोषित किया जाए और उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल किया जाए. उन्होंने कहा कि भारत ने स्वच्छ भारत अभियान राष्ट्र स्तर पर शुरू किया है.


गरीबी उन्मूलन और समावेशी सतत विकास हासिल करने को अत्यधिक प्राथमिकता दी
उन्होंने कहा कि बाल यौन अपराध से निपटने के लिए हमने कानूनी ढांचे में भारी बदलाव किया है. रोहतगी ने कहा कि भारत ने महिलाओं के लिए कामकाज का एक सुरक्षित और गरिमामय माहौल सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि भारत ने गरीबी उन्मूलन और समावेशी सतत विकास हासिल करने को अत्यधिक प्राथमिकता दी है.