बड़े-बड़े नेताओं, सैकड़ों कार्यकर्ताओं और हज़ारों आम जन की भीड़ के बीच माहौल पूरी तरह से ग़म में डूबा हुआ था. पूरे राजकीय सम्मान के साथ अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर को बीजेपी मुख्यालय से निकाला गया, सेना के जवान पूर्व प्रधानमंत्री का पार्थिव शरीर एक तोप-गाड़ी (गन-कैरेज) में लेकर आगे-आगे चल रह रहे थे और उसके पीछे सबसे पहले थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके साथ हैं पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह और कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हैं.
शवयात्रा के दौरान अटल के चाहने वाले नारे लगा रहे हैं. इस यात्रा पर भावुक हुआ जन सैलाब लगातार भारत माता की जय और अटल अमर रहे के नारे लगा रहे हैं. जब उनके चाहने वाले अपने जन नायक के नाम का नारा लगाते हैं तो मानों ये आवाज गगन को छू रही हो. सड़क के दोनों किनारे हाथों में गुलाब की पंखुड़ियां लिए अपने जन नायक को अंतिम विदाई दे रहे हैं.
इस अंतिम यात्रा में एक और ऐसा दृश्य है जिसे सदियों तक याद किया जाएगा. इस अंतिम यात्रा में अपनी सुरक्षा और प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए देश के मौजूदा प्रधानमंत्री करीब 3 किलोमीटर का सफर पैदल तय कर रहे हैं.