नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का आज निधन हो गया. 16 अगस्त को दिल्ली के एम्स अस्पताल में शाम 5.05 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. अटल बिहारी वाजपेयी को लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था. 93 वर्षीय वाजपेयी को गुर्दा (किडनी) नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था. उनके निधन की खबर के बाद पूरे देश में शोक की लहर है. अपने प्रिय नेता के अंतिम दर्शन के लिए सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में लोग पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के आवास पर पहुंच रहे हैं.


नई दिल्ली के लुटियंस जोन में कृष्णा मेनन मार्ग पर स्थित बंगला नंबर 6-ए के आसपास सुरक्षा का भारी बंदोबस्त किया गया है. पुलिस और यातायात पुलिस के साथ-साथ वहां अर्द्धसैनिक बलों के जवानों की भी तैनाती की गई है. सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, वाजपेयी के अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास के दरवाजे सुबह करीब साढ़े सात बजे खोले गए. बाद में वाजपेयी का पार्थिव शरीर भारतीय जनता पार्टी के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित नव-निर्मित मुख्यालय पर ले जाया जाएगा. तो वहीं ‘राष्ट्रीय स्मृति’ स्थल के लिए उनकी अंतिम यात्रा दोपहर एक बजे शुरू होगी.



अटल को आखिरी बार देखना चाहते हैं लोग


सुबह कृष्णा मेनन मार्ग पहुंचने वालों में शामिल 52 वर्षीय योगेश कुमार उत्तराखंड के उत्तरकाशी से अपने नेता के अंतिम दर्शन के लिए आए हैं. लोग पूरी रात यात्रा करके दिल्ली आए हैं ताकि अपने नेता को एक अंतिम बार देख सकें. कुमार का दावा है, ‘‘1984 में जब वाजपेयी जी गंगोत्री जाने के दौरान उत्तरकाशी में रूके थे, तब मैं उनसे मिला था. 1986 में वह फिर से उत्तरकाशी आए.’’ कुमार अपने साथ याद के रूप में अपनी और वाजपेयी जी की तस्वीर लेकर आये हैं. उनका कहना है, मैं अपने साथ गंगोत्री से गंगाजल लेकर आया हूं. आशा करता हूं कि उन्हें अंतिम बार देख सकूंगा.



दिल्ली के एक निवासी का कहना है कि, अटल जी एक महान नेता थे और भारतीय राजनीति में वो हमेशा अटल रहेंगे. उन्होंने आगे कहा कि अटल जी ऐसे नेता थे जिनको विपक्ष पार्टी के नेता भी पंसद किया करते थे. अटल जी एक नेता ही नहीं बल्कि उनके अंदर एक इंसानियत भी थी.


यूपी के एक छात्र ने कहा कि, हम रात 1: 30 बजे से यहां आए हुए हैं ताकि हम अटल जी के एक बार आखिरी दर्शन कर सके.