जब अटल बिहारी वाजपेयी ने किताब में लिखकर दिया था राजकुमारी को लव लेटर, जानें उनकी प्रेमकहानी
Atal Bihari Vajpayee Jayanti: अटल बिहारी वाजपेयी की आज (25 दिसंबर) 100वीं जयंती है. वो एक सिर्फ राजनेता, कवि और पत्रकार होने के साथ-साथ चिंतक भी थे.
Atal Bihari Vajpayee Jayanti: अटल बिहारी वाजपेयी की आज 100वीं जयंती पूरे देश में मनाई जा रही है. अटल बिहारी वाजपेयी, भारतीय राजनीति के एक महान नेता और प्रभावशाली विचारक थे. उनका जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था.
मशहूर पत्रकार कुलदीप नैयर ने अटल और राजकुमारी कौल के रिश्ते को एक महान 'प्रेम कहानी' बताया है. इस प्यार को दोनों ने कोई नाम तो नहीं दिया, लेकिन ये किसी से छिपा भी नहीं था
नहीं मिला था लेटर का जवाब
1940 के दशक में अटल बिहारी वाजपेयी और राजुकमारी कौल ग्वालियर में विक्टोरिया कॉलेज में पढ़ रहे थे. ये वो दौर था जब किसी लड़के और लड़की के बीच की दोस्ती को सराहा नहीं जाता था. इसी समय पर राजुकमारी कौल के लिए युवा अटल बिहारी वाजपेयी ने एक किताब में लव लेटर रखा था, लेकिन उन्हें इस लेटर का जवाब नहीं मिला था. ऐसा नहीं है कि राजुकमारी कौल ने जवाब नहीं दिया था. उन्होंने जवाब दिया था, लेकिन वो किताब कभी अटल के पास पहुंच ही नहीं पाई. बाद में राजुकमारी कौल की शादी ब्रिज नारायण कौल से हो गई थी.
करना चाहती थीं शादी
राजुकमारी कौल के करीबी दोस्त और कारोबारी संजय कौल ने कहा था कि वो अटल जी से शादी करना चाहती थी. लेकिन उनके घरवाले कभी तैयार नहीं हुए. कौल खुद को श्रेष्ठ मनाते थे. हालांकि अटल बिहारी वाजपेयी भी ब्राह्मण थे, लेकिन कौल खुद को उनसे ऊपर मानते थे.
कुलदीप नैयर ने इसे 'खूबसूरत कहानी' कहा
अटल और राजुकमारी कौल को मशहूर पत्रकार कुलदीप नैयर ने करीब से देखा था. वो इसे एक खूबसूरत कहानी कहते थे. उस समय हर किसी को पता था कि मिसेज कौल अटल के सबसे प्रिय हैं. एक अखबार में कुलदीप नैयर ने लिखा था कि राजकुमारी कौल अटल बिहारी के लिए सबकुछ थीं. उन्होंने अटल की खूब सेवा की. वो मरते दम तक उनके साथ. 2014 में उनका निधन हो गया था. इस दौरान दौरान बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह और सुषमा स्वराज उनके अंतिम संस्कार में मौजूद रहे थे.