नई दिल्ली: दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में देश के पूर्व प्रधानंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत नाजुक बनी हुई है. इस वक्त पूरे देश में अटल बिहारी वाजपेयी के स्वस्थ होने के लिए प्रार्थनाओं का दौर जारी है. अटल बिहारी वाजपेयी के परिवार और दोस्तों के लिए ये सबसे मुश्किल घड़ी है.

अटल बिहारी वाजपेयी के सहपाठी रहे छगनलाल व्यास ने अटल के स्थास्थ्य को लेकर चिंता जताई है. चौथी क्लास में अटल बिहारी वाजपेयी के साथ पढ़ने वाले छगनलाल व्यास ने बताया, ''हम साथ पढ़ते थे, हम बिल्कुल नजदीक थे. वो उस वक्त ग्वालियर से उज्जैन आए थे.''

जनसंघ के नेता गणपत लाल ने कहा, ''एक बार वो प्रचार के लिए आए थे. रेलवे स्टेशन पर ही हमने मंच बना दिया था. मैं घर से खाना लेकर गया था, फिर भाषण खत्म होते ही उनको खाना खिलाया. मुझे किसी ने बताया था कि अटल को दही बड़े का शौक है, इसलिए मैं वो भी साथ लेकर गया था.''

अटल के भतीजे संदीप दीक्षित ने बताया, ''1994 में वो आए थे. तब लगा था कि वो हमें डॉक्टर या इंजीनियर बनवा देंगे. पर उन्होंने कहा था कि तुम लोग पढ़ाई पर ध्यान दो और हम बल बूते पर सब हासिल करो. तुम्हारा जब नाम होगा, तो हमारा नाम होगा. वो सिर्फ अपनी मेहनत से आगे बढ़ने में विश्वास रखते थे.''

अटल बिहारी वाजपेयी के नाती अभय दीक्षित ने कहा, ''बच्चों के साथ वो एक दम बच्चों के जैसे हो जाते थे. हम लोगों के साथ खेलना, हमें धूमाने ले जाना, हमें कहानियां सुनाना उन्हें बहुत पसंद था.''

बता दें कि आज सुबह करीब 11 बजे जारी हुए मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक अटल बिहारी वाजपेयी की स्थिति कल जैसी है, उसमें कोई सुधार नहीं हुआ है. उन्हें अभी भी लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है. एम्स में बीजेपी और और अन्य दलों के तमाम दिग्गज नेताओं का पहुंचना जारी है.