Atik Ahmed Convicted: गैंगस्टर से माफिया और फिर राजनेता बने अतीक अहमद पर कानून का शिंकजा कस गया है. 40 सालों में ऐसा पहली बार हो रहा है जब अतीक पर 100 से अधिक मामलों में दर्ज एक मामले में सजा सुनाई गई है. मंगलवार (28 मार्च) को उसे अदालत ने उमेश पाल अपहरण के मामले में दोषी पाते हुए तीन अन्य आरोपियों के साथ उम्र कैद की सजा सुनाई.
अदालत में अपनी सजा सुनने के लिए पहुंचे अतीक को कोर्ट में भी भारी विरोध का सामना करना पड़ा. कोर्ट में मौजूद वकीलों ने अतीक केो फांसी दो के नारे लगाए. ये वकील अपने साथी उमेश पाल की हत्या से बेहद आक्रोशित थे. इसलिए वो सब इकट्ठे होकर अतीक के खिलाफ नारे लगा रहे थे.
अदालत की नजरों में अतीक दोषी करार
सूत्रों ने बताया, अतीक जब कोर्टरुम में पहुंचा तो वहां पर सजा सुनने के लिए उसका भाई पहले से मौजूद था, और वहां पर उसका अतीक से सामना हुआ तो दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा दिए और उसके बाद वहीं वह अपनी किस्मत का फैसला होने का इंतजार करने लगे.
थोड़ी देर में अदालत की कार्यवाही शुरू हुई और कोर्ट ने फैसला सुनाया. अदालत ने अतीक को ताउम्र कैद में रहने की सजा सुनाते हुए वादी के परिवार को 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. तो वहीं उन्होंने 7 अन्य आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया, बचे 7 आरोपियों में से एक आरोपी उसका भाई अशरफ भी था.
शांति से कोर्ट रूम में खड़ा रहा अतीक
सजा मिलने के बाद अतीक शांति के साथ कोर्ट रुम में खड़ा रहा. उसके बाद उसके वकीलों ने उसकी सजा पर जिरह शुरू कर दी, लेकिन अदालत ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अतीक पर रहम करने से इंकार कर दिया.
सजा सुनाए जाने के बाद अतीक अहमद ने जज से गुजारिश करते हुए उसको गुजरात की साबरमती जेल भेजे जाने की इजाजत मांगी. उसने जज से विनति करते हुए कहा, मुझे यहां नहीं रहना है, मुझको वापस साबरमती जेल भेज दिया जाए. उसके बाद जज ने उसको साबरमती जेल भेजे जाने की बात मान ली, और मंगलवार की रात साढ़े 8 बजे उसको दुबारा प्रयागराज से साबरमती जेल के लिए सड़क मार्ग से रवाना कर दिया गया.