Atiq Ahmed Shot Dead: एक बेटा एनकाउंटर में मारा गया, कहां हैं अतीक के बाकी 4 लड़के, पत्नी फरार, जानें माफिया के कुनबे की पूरी कुंडली
Atiq Ahmed Family: अतीक अहमद के परिवार में भाई, पत्नी और पांच बच्चों के नाम शामिल हैं, जिनमें से एक बेटे असद की एनकाउंटर में मौत हो चुकी है. आइये जानते हैं विस्तार से.
Atiq Ahmed Family Members: अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार (15 अप्रैल) को हुई हत्या के बाद से माफिया के परिवार के बाकी सदस्यों को लेकर चर्चा हो रही है. अतीक का कुनबा कितना बड़ा है, परिवार में कौन-कौन लोग हैं, उसके बाकी बेटे और पत्नी कहां हैं, ऐसी सवाल जनमानस के बीच घूम रहे हैं. आइये जानते हैं माफिया के परिवार की पूरी कुंडली.
अतीक अहमद के परिवार में कौन-कौन?
अतीक अहमद के परिवार में भाई अशरफ अहमद और पत्नी शाइस्ता परवीन के अलावा पांच बेटे के नाम शामिल हैं. अतीक के भाई अशरफ की उसी साथ प्रयागराज में हत्या कर दी गई. वहीं, एक बेटे असद को गुरुवार (13 अप्रैल) को यूपी पुलिस ने एनकाउंटर में मार दिया था. अतीक अपने पीछे पत्नी शाइस्ता परवीन और चार बेटों को छोड़ गया है.
कहां हैं पत्नी और बेटे?
अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन 24 फरवरी को हुई उमेश पाल की हत्या के बाद से फरार चल रही हैं. उनके सिर पर 50 हजार रुपये का इनाम रखा गया है. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि पति अतीक और देवर अशरफ के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए शाइस्ता परवीन सरेंडर कर सकती हैं.
वहीं, अतीक के बाकी चार बेटों में सबसे बड़ा लड़का उमर अहमद लखनऊ जेल में बंद है. दूसरा बेटा अली अहमद नैनी जेल में है, तीसरा बेटा असद अहमद एनकाउंटर में मारा गया है और चौथा बेटा अहजम अपने सबसे छोटे भाई आबान के साथ बाल सुधार गृह में है. अहजम कक्षा 10 और आबान आठवीं का छात्र है. दोनों को उमेश पाल हत्याकांड के बाद से बाल सुधार गृह में रखा गया है.
माफिया के परिवार में किस पर कितने केस?
अतीक अहमद के खिलाफ अब तक 101 मुकदमे दर्ज हुए जबकि अशरफ के खिलाफ 57 मुकदमे दर्ज थे. अतीक के पत्नी शाइस्ता परवीन पर भी 4 आपराधिक मामले दर्ज हैं. एनकाउंटर मारे गए बेटे असद अहमद के खिलाफ एक केस था. अतीक के दो और बेटों अली अहमद और उमर अहमद पर क्रमश: 6 और 2 मामले दर्ज हैं.
ऐसा रहा आपराधिक इतिहास
अतीक अहमद और अशरफ का आपराधिक इतिहास बेहद क्रूर रहा है. अतीक और अशरफ के खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या इशारा करती है कि उनके दुश्मनों और पीड़ितों की तादात भी काफी थी. इसका अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि 2005 में राजू पाल की हत्या के बाद पुलिस जब शव को लेकर जा रही थी तो 56 किलोमीटर तक उसका पीछा किया गया था और मेडिकल कॉलेज में डेड बॉडी पर गोलियां चलाई गई थीं.
वहीं, 2007 में जब मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे तब अतीक के भाई अशरफ पर मदरसे की दो लड़कियों को अगवा करने और रेप करने का आरोप लगा था. बाद में लड़कियों को मदरसे में छोड़ दिया गया था. 1989 में चांद बाबा की हत्या तलवार से की गई थी, जिसका आरोप अतीक अहमद पर था.