Asad Ahmed Encounter: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने माफिया अतीक अहमद के बेटे असद को गुरुवार (13 अप्रैल) को झांसी में हुई एक मुठभेड़ में मार गिराया. प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही यूपी पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश कर रही थी. असद तक पहुंचने में यूपी पुलिस को 49 दिन लग गए. इस दौरान वह लगातार अपनी लोकेशन बदलता रहा. 


24 फरवरी को उमेश पाल की दिनदहाड़े हत्या ने प्रदेश को हिला दिया था. जिस तरह से उमेश पाल को दौड़ा कर बम और गोलियों से हमला कर मारा गया था, उसने यूपी सरकार के अपराधियों पर काबू के दावे पर भी सवाल खड़े कर दिए थे. हत्याकांड की गूंज यूपी विधानसभा में भी सुनाई दी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने सदन में एलान कर दिया था कि माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे. इसके बाद यूपी पुलिस ने एक्शन शुरू किया और हत्याकांड में शामिल बदमाशों की उल्टी गिनती शुरू हो गई.


यूपी पुलिस के एक्शन में आने के बाद असद और शूटर गुलाम को सुरक्षित रखना अतीक और अशरफ के लिए चुनौती बन गया था. असद तक पहुंचने के लिए यूपी पुलिस की टीमें लगातार सक्रिय थीं. उधर अतीक उसे छिपाने के लिए बार-बार उसकी लोकेशन बदलवा रहा था. अतीक ने उसको छिपाने में अपने कुछ जानकारों की  मदद भी ली थी. आइए जानते हैं इस दौरान असद कहां-कहां छिपा था.


हत्या वाले दिन प्रयागराज में ही


24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या हुई थी. उसके बाद असद एक दिन प्रयागराज के ही एक घर में छिपा रहा था.


26 फरवरी को असद ने शहर से भागने के लिए बाइक का इस्तेमाल किया और वह प्रयागराज से 200 किमी दूर कानपुर पहुंचा.


कानपुर से दिल्ली


दो दिन तक असद कानपुर में ही छिपा रहा. 28 फरवरी को वह बस से दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे पहुंचा. दिल्ली में वह जामिया नगर और संगम विहार इलाके में रहा. दिल्ली में उसकी मदद करने वाले शख्स तक पुलिस पहुंची थी लेकिन उसके पहले वह निकल चुका था.


दिल्ली से अजमेर, फिर मुंबई


दिल्ली में 15 दिनों से ज्यादा रहने के बाद असद 15 मार्च को अजमेर के लिए निकल गया. अजमेर के बाद असद मुंबई के लिए निकल गया. बाद वह नासिक गया. 


कानपुर वापसी और झांसी में मुठभेड़


नासिक से उसने एक बार फिर से वापसी की और कानपुर पहुंचा. कानपुर आने के बाद वह झांसी पहुंचा, जहां वह पुलिस की गोली का शिकार हो गया. 


ये रहा असद का पूरा रूट


प्रयागराज-कानपुर-दिल्ली-अजमेर-मुंबई-नासिक-कानपुर-झांसी


पूरी फरारी के दौरान असद ने कभी भी ट्रेन से सफर नहीं किया. उसने पूरी यात्रा बस या दूसरे वाहनों से ही की. 


दिल्ली में छिपाने वाले अरेस्ट


दिल्ली में छिपाने में उसकी हैदर नाम के शख्स ने मदद की थी. हैदर फिलहाल बरेली जेल में बन्द है. हैदर के ही तीन जानकारों को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है.


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