7 अप्रैल को लखनऊ के एक व्यापारी के अपहरण मामले में माफिया अतीक अहमद और उसके बेटे उमर के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं. आरोप तय होने के बाद अतीक के बेटे उमर पर भी उम्रकैद की तलवार लटकने लगी है. उमर अभी लखनऊ जेल में बंद है. उमर पर चार साल पहले मोहित जायसवाल नाम के व्यापारी का अपहरण कर उसकी पिटाई करने का मामला चल रहा है.


इस मामले में सीबीआई कोर्ट में अतीक और उमर पर आरोप तय हो गए. सुनवाई के बाद सजा तय की जाएगी. 28 मार्च को अतीक को राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल के अपहरण मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है. अतीक के परिवार के लोगों पर उमेश की हत्या का भी केस चल रहा है.


सीबीआई कोर्ट में हुई सुनवाई


सीबीआई कोर्ट में अहमद की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई है. उसके बेटे उमर को व्यक्तिगत रूप से पेश किया गया. अदालत जाते समय उमर ने मीडिया को बताया कि परिवार की महिला सदस्यों को भी मामले में घसीटा जा रहा है. मामला 2018 में व्यापारी के अपहरण और पिटाई का है. 


अतीक और उमर के खिलाफ दर्ज 164ए के मामले में रंगदारी वसूलने के लिए अपहरण करने का आरोप है. इस धारा में दोषी पाए जाने पर अधिकतम उम्रकैद या फांसी की सजा का प्रावधान है. 


दोनों का जुर्म साबित हो जाने पर अतीक के साथ उसके बेटे पर उम्रकैद की तलवार लटकेगी. अतीक पहले से ही उम्रकैद की सजा काट रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अतीक अहमद, फारूख और उमर अहमद पर धारा 147/149/329/364A /386/394/411/420/467/468/471/506/120B के तहत आरोप तय हुए हैं. 


धारा 364 ए में भी आरोप तय किए गए हैं. इसमें मृत्यु दण्ड की सजा का भी प्रावधान है. अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी. बाकी आरोपियों पर भी कोर्ट ने आरोप तय किए हैं.


उमर पर क्या है आरोप


उमर पर मोहित जायसवाल को अगवा कर देवरिया जेल में ले जाने का आरोप है. अतीक उस दौरान देवरिया जेल में ही बंद था. जेल में अतीक ने मोहित जायसवाल की पिटाई की और उससे फिरौती की मांग की. ये भी आरोप है कि उसने पीड़ित व्यापारी की कम्पनी को अपने सहयोगी के नाम ट्रांसफर करवा दिया था.


मोहित जायसवाल अपहरण केस क्या है


29 दिसंबर 2018 को लखनऊ में मोहित जायसवाल नाम के एक व्यापारी का अपहरण हो गया था. अतीक के बेटे उमर ने मोहित का अपहरण करवाया था. अपहरण के बाद मोहित को देवरिया जेल ले जाया गया. इसमें अतीक के बड़े बेटे उमर के साथ गुफरान, फारुख, गुलाम और इरफान भी शामिल थे. 


देवरिया जेल में मोहित को रॉड से मार मारकर बेहोश कर दिया गया. इसके बाद मोहित जायसवाल से 45 करोड़ की प्रॉपर्टी के कागजातों पर दस्तखत करने को कहा गया.


जोर-जबर्दस्ती के बाद मोहित नहीं माना. मोहित का ये कहना था कि मैंने ये प्रॉपर्टी अपनी मेहनत से बनाई है आपको क्यों दे दूं तो उसे मौत का खौफ दिखाया गया. उसकी कनपटी में गन रखी गई. मोहित को बंदूक की बट और लोहे की रॉड से बेतहाशा पीटा गया.


इतना सबकुछ होने के बाद मोहित बेसुध हो गया और स्टाम्प पेपर पर जबरदस्ती उनके दस्तखत करवा लिए गए. करीब 45 करोड़ की सम्पति भी अपने नाम करा ली गई. अतीक के गुर्गों ने उनकी SUV गाड़ी भी लूट ली.  


अतीक और उसके गैंग के चंगुल से छूटने के बाद मोहित ने लखनऊ में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी. इस घटना के बाद माफिया अतीक अहमद को देवरिया जेल से अहमदाबाद की साबरमती जेल भेज दिया गया.  


मामले की सुनवाई और पूरी घटना को लेकर विवाद बढ़ गया था. इसके चलते सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. जांच एजेंसी ने साल 2019 में मामले की जांच शुरू की. अब जाकर उनके खिलाफ तय किए गए हैं.




अतीक बेटों पर आपराधिक रिकॉर्ड

1996 में अतीक अहमद ने शाइस्ता परवीन से निकाह किया. इन दोनों के पांच बेटे मोहम्मद उमर, मोहम्मद अली और तीन नाबालिग बेटे हैं. अतीक के पांच में से चार बेटों पर आपराधिक रिकॉर्ड है. 

 

बेटे मोहम्मद उमर के अलावा मोहम्मद अली भी जेल में बंद है. दो बेटे मोहम्मद अहजम और मोहम्मद आबान हैं. पांचवें बेटे के बारे में कोई जानकारी मीडिया में अभी तक नहीं आई है.

 

उमर ने साल पिछले साल सीबीआई के सामने खुद को सरेंडर कर दिया था. दो लाख के इनामी मोहम्मद उमर पर रंगदारी का आरोप है.वहीं मोहम्मद अली पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है. जबकि, दो बेटों को उमेश पाल हत्याकांड के मामले में पुलिस ने हिरासत में लिया है. 

 

पत्नी शाइस्ता परवीन पर क्या हैं आरोप



अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन पर अपने पति की आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का भी आरोप लगाया गया है, जिसमें हत्या और जमीन हड़पने के मामले शामिल हैं.


2019 में शाइस्ता पर हमले और किडनैपिंग के मामले में पति अतीक के साथ गिरफ्तार किया गया था. दोनों अभी जेल में बंद हैं. बृहस्पतिवार को अदालत ने उमेश पाल हत्याकांड में नामजद आरोपी और माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी है. 


बता दें कि अहमद की पत्नी शाइस्ता ने उमेश पाल हत्या मामले में शामिल होने के बाद मीडिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा था. धूमनगंज के प्रयागराज पड़ोस में उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.


घटना का सीसीटीवी फुटेज जारी होने के बाद शाइस्ता परवीन को उमेश पाल के शूटर के साथ देखा गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक यह फुटेज शूटआउट से पांच दिन पहले कैप्चर की गई थी.  


अतीक का भाई अशरफ भी है जेल में बंद


अतीक का भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ भी उमेश पाल मामले मेें अभी बरेली जेल में बंद है. जेल में उसके बिना पर्ची के अवैध मुलाकातों का आरोप लगा है. इस मामले में उसकी मुलाकातों पर रोक लगा दी गई है. बरेली के सिटी एसपी राहुल भाटी के नेतृत्व में 6 सदस्यीय एसआईटी को मामले की जांच कर रही है.


उमेश पाल की हत्या  24 फरवरी को गोली और बम बरसाकर की गई. हमले  के समय अतीक का भाई अशरफ बरेली जेल में बंद था. उमेश पाल की हत्या के 13 दिन पहले बरेली सेंट्रल जेल में 9 शूटर अशरफ से मिलने आए थे. उमेश पाल राजू पाल मर्डर केस के इकलौते गवाह थे.


11 फरवरी को अतीक का बेटा असद, विजय उर्फ उस्मान चौधरी, गुड्‌डू मुस्लिम, गुलाम और अन्य पांच आरोपियों ने फर्जी ID से अशरफ से मुलाकात की.  


पूरे परिवार के खिलाफ अलग-अलग मामले


अहमद के भाई अशरफ के खिलाफ 52 मामले, पत्नी शाइस्ता प्रवीन के खिलाफ तीन मामले और उनके बेटों अली पर चार और उमर अहमद एक मामले दर्ज हैं. 


अतीक और उसके परिवार की 11,684 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली गई है. वर्तमान में अतीक के परिवार पर 54 मामलों की सुनवाई अलग-अलग अदालतों में चल रही है. 


उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक अतीक अहमद के परिवार के सदस्यों के खिलाफ 160 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं. प्रयागराज जिला प्रशासन के मुताबिक अहमद और उसके सहयोगी  751 करोड़ रुपये की संपत्ति पर जबरन कब्जा कर रहे थे. 


गिरफ्तारी से पहले अतीक की कमाई कितनी थी 


गिरफ्तारी से पहले अतीक अहमद की नेटवर्थ का इंटरनेट पर सार्वजनिक रूप से खुलासा नहीं किया गया है.  हालांकि, कई साइटों से पता चलता है कि उसने मोटी रकम जमा की है. ऐसे आरोप हैं कि उसने गैंगस्टर के रूप में अवैध तरीकों से धन अर्जित किया.


नाबालिग था तब से जुर्म कर रहा है अतीक


1979 पहली बार अतीक के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. तब उसकी उम्र 16-17 साल की रही होगी.  इतनी कम उम्र में ही अतीक  को उसके इलाके के लोग लोग एक माफिया और बाहुबली और नेता के तौर पर जानने लगे. अतीक अहमद 10वीं तक पढ़ा है. 



राजू पाल हत्याकांड में आया पूरे परिवार का नाम


 2005 में राजू पाल की हत्या हो गई. इस हत्याकांड में सीधे तौर पर अशरफ और अतीक का नाम आया. राजू पाल का चुनाव जीतना अतीक अहमद की प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया था. राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने इस मामले में अतीक अहमद और अशरफ के खिलाफ केस दर्ज कराया.


राजू पाल की हत्या के बाद इस सीट पर फिर उपचुनाव हुए जिसमें बीएसपी ने पूजा पाल को टिकट दिया लेकिन पूजा पाल अशरफ से चुनाव हार गईं. 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में पूजा पाल ने अशरफ को चुनाव हरा दिया.  2012 में इसी सीट पर पूजा पाल ने अतीक अहमद को भी चुनाव में शिकस्त दी.


2007 में यूपी में बहुजन समाज पार्टी की सरकार बनी और अतीक अहमद को मोस्ट वांटेड करार दे दिया गया. अतीक अहमद ने 2008 में आत्मसमर्पण कर दिया और फिर 2012 में जेल से छूट गया.


2014 में समाजवादी पार्टी ने फिर अतीक को लोकसभा का टिकट दिया लेकिन अतीक इस बार चुनाव जीत नहीं पाया. इस बीच वो फिर गिरफ्तार हो गया. 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद साबरमती जेल भेज दिया गया.


24 फरवरी 2023 को राजूपाल हत्या कांड के मुख्य गवाह उमेश पाल का मर्डर हुआ और आरोप अतीक और उसके परिवार पर लगा. मामले में अतीक, उसके  सहयोगियों के अलावा पत्नी और बच्चों के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ. अतीक के सहयोगियों के मकान बुलडोजर से ढहा दिए गए.