Opposition Question Atiq-Ahmed killing: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शनिवार (15 अप्रैल) को देर रात माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की ऑन-कैमरा हत्या पर विपक्ष के तमाम नेताओं ने यूपी की योगी और केंद्र की मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.


अतीक-अशरफ अहमद की हत्या के बाद उत्तर प्रदेश में सनसनी फैल गई है. लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाई लेवल बैठक की. बैठक में पूरे यूपी में धारा 144 लागू करने का निर्देश दिया गया. मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. रातभर पुलिस यूपी के संवेदनशील इलाकों में पुलिस गश्त करती दिखी.


कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बसपा, राष्ट्रीय लोकदल और एआईएमआईएम सहित कई विपक्षी दलों के नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया दी. चलिए आपको बताते हैं किसने क्या कहा. 


प्रियंका गांधी-अशोक गहलोत


कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि हमारे देश का कानून संविधान में लिखा गया है, यह कानून सर्वोपरि है. अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, लेकिन देश के कानून के तहत. किसी भी सियासी मकसद से कानून के राज और न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ करना या उसका उल्लंघन करना हमारे लोकतंत्र के लिए सही नहीं है. जो भी ऐसा करता है, या ऐसे करने वालों को सरंक्षण देता है, उसे भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उसपर भी सख्ती से कानून लागू होना चाहिए. देश में न्याय व्यवस्था और कानून के राज का इकबाल बुलंद हो, यही हम सबकी कोशिश होनी चाहिए.






वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश देख रहा है कि यूपी में क्या हो रहा है. ऐसा किसी के भी साथ हो सकता है जो वहां हो रहा है यह आसान काम है, मुश्किल काम कानून का राज कायम करना है. कानून का राज नहीं रहेगा तो यह घटनाएं किसी के भी साथ हो सकती हैं. 


अखिलेश यादव


सपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराध अपने चरम पर पहुंच गया है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. जब पुलिस के सुरक्षा घेरे में सरेआम फायरिंग कर किसी की जान जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या. जनता में डर का माहौल बनाया जा रहा है और ऐसा लगता है कि कुछ लोग जानबूझ कर ऐसा कर रहे हैं.






असदुद्दीन ओवैसी 


लोकसभा सांसद और एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुठभेड़ राज का जश्न मनाने वाले लोग भी इस हत्या के लिए जिम्मेदार हैं. अतीक और उसका भाई पुलिस हिरासत में थे उन्हें हथकड़ी लगाई गई थी. जय श्रीराम के नारे भी लगाए गए. उनकी हत्याएं यूपी की कानून व्यवस्था की विफलता का परिणाम हैं. 






मायावती


बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कहा कि 'गुजरात जेल से अतीक अहमद और बरेली जेल से लाए गए उनके भाई अशरफ की प्रयागराज में कल रात पुलिस हिरासत में ही खुलेआम गोली मारकर हत्या उमेश पाल हत्याकांड की तरह ही हुई. यूपी सरकार की कानून-व्यवस्था और उसकी कार्यप्रणाली पर अनेकों गंभीर सवाल खड़े करती है. सुप्रीम कोर्ट अगर स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो बेहतर. वैसे भी उत्तर प्रदेश में ’’कानून द्वारा कानून के राज’’ के बजाय, अब इसका एनकाउंटर प्रदेश बन जाना कितना उचित? सोचने की बात.






राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख जयंत चौधरी ने ट्वीट किया, ''क्या लोकतंत्र में ऐसा संभव है?'' उन्होंने हैशटैग "जंगल राज" जोड़ा. 










नीरज कुमार


वहीं, JDU नेता नीरज कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार को जवाब देना होगा. उत्तर प्रदेश का मसला है जवाब देना होगा. उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं. वहीं RJD नेता शिवानंद तिवारी ने कहा, ये संविधान का, कानून व्यवस्था का और लोकतंत्र का एनकाउंटर है. उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए.






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