Atiq Ahmed Shot Dead: अतीक-अशरफ के शव सुपुर्द-ए-खाक, जानें कब्र पर पहली मिट्टी कौन डालता है?
Atiq Ahmad Funeral: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के शवों को दफना दिया गया.
Atiq Ahmed Funeral: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के शवों को रविवार (16 अप्रैल) को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. पुलिस बल की कड़ी सुरक्षा के बीच रात करीब आठ बजे दोनों का अंतिम संस्कार हुआ.
शनिवार (15 अप्रैल) रात करीब साढ़े दस बजे प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल के पास दोनों भाइयों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. रविवार को पोस्टमार्टम के बाद शवों को भारी सुरक्षा के बीच कसारी-मसारी कब्रिस्तान लाया गया था. यह वही कब्रिस्तान है जहां पिछले दिन ही अतीक के एक बेटे असद अहमद का शव दफन किया गया था. असद को गुरुवार (13 अप्रैल) को एनकाउंटर में मारा गया था. आखिर किसने डाली अतीक की कब्र पर मिट्टी और ऐसे मौके पर कब्र पर पहली मिट्टी कौन डालता है, आइये जानते हैं.
कब्र पर पहली मिट्टी कौन डालता है?
पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि शाइस्ता परवीन सरेंडर करके पति अतीक और देवर अशरफ की आखिरी रस्म में शामिल हो सकती हैं लेकिन अंतिम संस्कार परिवार के बाकी सदस्यों की मौजूदगी में हुआ. आम तौर पर परंपरा यही है कि मरने वाले का सबसे करीबी शख्स सबसे पहले कब्र पर मिट्टी डालता है. सबसे करीबी शख्स में सबसे पहला शख्स बेटा होता है, फिर पिता और भाई, इसके बाद चाचा और मामा होते हैं.
ऐसी होती हैं करीबी रिश्तेदारों की कब्रें
मुस्लिमों में आम तौर पर ऐसी परंपरा होती है कि करीबी रिश्तेदारों की कब्रें अगल-बगल में रखी जाती हैं. अमूमन लोग अपने माता-पिता की क्रब के पास की जगह को खाली रखने की कोशिश करते हैं ताकि बाद में खुद की कब्र के लिए जगह मिल सके.
अतीक अहमद मर्डर केस
बता दें कि शनिवार रात करीब साढ़े दस बजे अतीक और उसके भाई अशरफ को पुलिस जब रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल ले जा रही थी, तब वे एक जगह मीडिया को बाइट देने के लिए रुके थे. प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल के पास मीडियाकर्मी के वेश में आए तीन आरोपियों ने उन्हें गोली मार दी.
आरोपियों के नाम बांदा निवासी लवलेश तिवारी, हमीरपुर निवासी मोहित उर्फ सनी और कासगंज निवासी अरुण मौर्य हैं. एफआईआर दर्ज हो चुकी है. प्रयागराज के धूमनगंज थाना प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार मौर्य ने शाहगंज थाने में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. तीनों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 302 (हत्या) और 307 (हत्या के प्रयास) के अलावा आयुध अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है.
आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं. इस हत्याकांड के बाद पूरे प्रदेश को अलर्ट रखा गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मामले की उच्च स्तरीय जांच की जा रही है.