Atiq Ahmed-Ashraf Ahmed Shot Dead: माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की भारी पुलिस सुरक्षा और मीडियाकर्मियों के बीच हत्या कर दी गई. इस हत्या ने देशभर में सनसनी फैला दी है. दोनों की हत्या में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और पूछताछ जारी है. तीनों हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आए थे और ताबड़तोड़ गोलियां चलाने लगे. पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई है. 


वारदात रात के करीब 10 बजे की है जब पुलिस ने अतीक अहमद और अशरफ से लंबी पूछताछ की थी और इसके बाद दोनों को मेडिकल जांच के लिए लाया गया था. अतीक अहमद की ऐसे समय में हत्या हुई है जब महज दो दिन पहले ही झांसी में पुलिस मुठभेड़ में उनका बेटा मारा गया था और शनिवार को ही अंतिम संस्कार किया गया है. 


पुलिस पर क्या सवाल उठ रहे हैं? 
इस हत्या ने यूपी पुलिस और उसकी इंटेलिजेंस पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. आखिर इतनी सुरक्षा के बीच कैसे हत्या हो गई? पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम लोग घटना की जांच कर रहे हैं. अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. गिरफ्तार लोगों से अभी पूछताछ की जानी है.’’ पुलिस ने लापरवाही को लेकर फिलहाल जवाब नहीं दे रही है.


अतीक अहमद की हत्या के ठीक बाद लखनऊ में योगी आदित्यनाथ ने बैठक की. इस बैठक में न्यायिक जांच के आदेश दिए गए. पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है. पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द की गईं. तत्काल ड्यूटी पर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं. 


समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके पूर्व विधायक भाई अशरफ की हत्या पर पूर्व अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या. इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कि कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं.’’


कपिल सिब्बल ने कहा कि यूपी में दो हत्या हुई है. एक अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की तो दूसरी रूल ऑफ लॉ यानी कानून के शासन की. वहीं कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि यह यूपी में दिखाता है कि कैसी कानून व्यवस्था है. यह कोई बहुत बड़ी साजिश लगती है. इस पूरे मामले में ज्यूडिशियल जांच होनी चाहिए है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस्तीफा देना चाहिए है. 


सनसनीखेज हत्या के बाद इलाके में तनाव है. अहमद एवं अशरफ के गोलियों से छलनी शवों को मौके से हटा लिया गया है. अहमद और उसके भाई अशरफ को 2005 के उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में सुनवाई के लिए यहां लाया गया था.


पुलिस ने क्या कहा? 
पुलिस आयुक्त रमित शर्मा प्राथमिक जानकारी के अनुसार तीन लोग मीडियाकर्मी बनकर आए, उन्होंने हमला किया. तीन लोगों को पकड़ा गया है जिनसे पूछताछ जारी है. उनके पास से कुछ असलहा बरामद हुआ है. अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मौत के अलावा एक पुलिसकर्मी को भी गोली लगी है. एक पत्रकार को भी चोट आई है. 


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