अतीक-अशरफ को गोली मारने के बाद क्यों लगाए 'जय श्री राम' के नारे? खुद शूटर सनी ने उगला सारा सच
Atiq-Ashraf Shot Dead: पुलिस को ताजा पूछताछ में पता चला है कि तीनों आरोपियों को दिल्ली के जितेंद्र गोगी गिरोह से हथियार मिले थे. कानपुर का बाबर भी इसी गैंग से जुड़ा था.

Atiq Ashraf Murder Case: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में पुलिस हिरासत में अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ अहमद (Ashraf) की हत्या के बाद से बवाल मचा हुआ है. तमाम विपक्षी नेताओं ने ये सवाल भी उठाया कि आखिर तीनों आरोपियों ने माफिया को गोली मारने के बाद जय श्री राम के नारे क्यों लगाए. अब इसका जवाब भी उत्तर प्रदेश पुलिस को मिल चुका है. खुद शूटर सनी ने इसके पीछे का सच उगल दिया है.
दरअसल, जब अतीक अहमद और अशरफ अहमद को गोली मारी गई तो अस्पताल के बाहर मीडियाकर्मियों का जमावड़ा लगा हुआ था. इन सबके बीच तीनों आरोपी भी छिपे हुए थे और एकदम से बाहर निकलकर इन्होंने अतीक और अशरफ पर गोली चला दी. शूटर सनी का कहना है कि तीनों मरने नहीं आए थे, इसलिए उन्होंने सरेंडर कर दिया और गोली चलाने के बाद वह बहुत ज्यादा डर गए थे इसलिए उन्होंने 'जय श्री राम' के नारे लगाए.
लवलेश तिवारी ने खुद को बताया कट्टर हिंदूवादी
हत्या के तीनों आरोपियों से राज उगलवाने के लिए पुलिस ने मनोवैज्ञानिक ढंग से भी 8 घंटों की पूछताछ की. इस दौरान उनसे कई राज उगलवाए गए. पूछताछ के दौरान लवलेश तिवारी ने खुद को कट्टर हिंदूवादी बताया. पुलिस अस्पताल के आसपास की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है. जिस होटल में तीनों रुके थे वहां की भी सीसीटीवी फुटेज ली जाएगी.
हत्या के बाद 'जय श्री राम' नारे पर विपक्षी नेताओं ने जताई आपत्ति
अतीक और अशरफ की हत्या के बाद आरोपियों के जय श्री राम नारे लगाने को लेकर भी विपक्षी दलों ने तमाम सवाल खड़े किए थे. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसपर बयान जारी किया था. हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा था जय श्रीराम का नारा लगाकर किसी की हत्या करना सही नहीं है, चाहे वह खूंखार अपराधी ही क्यों ना हो? हमारा देश कानून व्यवस्था पर चलता है, जंगल राज पर नहीं.
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