Atiq Ahmed Murder Case: गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की शनिवार (15 अप्रैल) को गोली मारकर हत्या कर दी गई. महज 8 सेकंड में हत्यारों ने 20 राउंड फायरिंग की और दोनों को ढेर कर दिया. अचानक हुई इस हत्या के पीछे पूरे दो दिन की प्लानिंग थी. हत्यारों ने 48 घंटे पहले ही इस मर्डर की पूरी प्लानिंग तैयार कर ली थी. 12 अप्रैल को जब पुलिस दोनों भाइयों को प्रयागराज लाई माफिया ब्रदर्स की हर हरकत पर नजर रखे हुए आरोपी उसी दिन एक्टिव हो गए थे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों भाईयों को मौत के घाट उतारने का प्लान पहले ही तैयार कर लिया गया था. हत्यारे 13 अप्रैल को प्रयागराज पहुंचे थे और एक लॉज में अपने लिए कमरा भी बुक किया. इसी दिन अतीक का बेटा असद पुलिस एनकाउंटर में ढेर हो गया था और पुलिस को कोर्ट ने अतीक और अशरफ की चार दिन की रिमांड दे दी थी.
प्लानिंग कर रहे थे हत्यारे
दरअसल, कोर्ट के इस फैसले से साफ हो गया था कि अतीक और अशरफ अगले दो दिनों तक प्रयागराज में ही रहने वाले हैं और इससे हत्यारों की प्लानिंग और मजबूत होती चले गई. इतना ही नहीं आरोपी पूरी तरह से दोनों पर नजर रखे हुए थे. दोनों कब कहां ले जाया जा सकता है. किन-किन जगहों पर सीसीटीवी लगे हैं. इन सब बातों को पहले ही पूरी तरह समझ लिया गया था.
लोकल नेटवर्क किया एक्टिव
लोकल नेटवर्क के जरिए ही हत्यारे अतीक और अहमद तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे. इसके लिए 14 अप्रैल को पहले रैकी भी की गई. यहां तक की 14 अप्रैल को ही हत्यारे पूरा दिन प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल में रहे और दोनों को लाए जाने का इंतजार कर रहे थे. पूछताछ में उन्होंने बताया कि पहले उन्होंने देखा कि अतीक की गाड़ी किस जगह पर रुकती है. उसे कैसे अस्पताल के अंदर ले जाया जाता है, कितने सुरक्षाकर्मी साथ में रहते हैं. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने 15 अप्रैल को इस वारदात को अंजाम दिया.
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