Atiq Ahmed Shot Dead: अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद क्या कर रही योगी सरकार, कौन से उठाए कानूनी कदम, जानें
Ashraf Ahmed Shot Dead: असद अहमद की पुलिस एनकाउंटर में मौत और अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद से ही प्रयागराज समेत पूरे देश में तनाव की स्थिति बनी हुई है. हालांकि, अब तक कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है.
Atiq Ahmad Killed: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हुई हत्या को लेकर सियासी पारा अपने चरम पर पहुंच चुका है. तकरीबन सभी विपक्षी दलों ने अतीक-अशरफ हत्याकांड को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को निशाने पर ले रखा है. यूपी में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए जाने के साथ ही पुलिस की लापरवाही से लेकर सरकार की मंशा तक पर प्रश्न चिन्ह लगाए जा रहे हैं. हालांकि, यूपी सरकार की ओर से इस हत्याकांड की जांच के लिए एक न्यायिक कमेटी बनाने का फैसला हुआ है.
बीती 15 अप्रैल को हुए अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद एहतियात के तौर पर पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई थी. जो अभी तक जारी है. वहीं, प्रयागराज में इंटरनेट बैन के साथ एसएमएस पर भी रोक लगा दी गई थी. इसी के साथ यूपी पुलिस सूबे के तकरीबन सभी संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च किया था. आइए जानते हैं कि इस दोहरे हत्याकांड के बाद योगी सरकार की ओर से अब तक क्या फैसले लिए गए हैं...
न्यायिक जांच के लिए बनी कमेटी
अतीक-अशरफ हत्याकांड को बेहद गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई. इस बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए. इसके साथ ही सीएम योगी ने तीन सदस्यीय जांच आयोग के गठन के निर्देश भी दिए. वहीं, पुलिस इस मामले में गिरफ्तार हमलावरों और हत्याकांड की जांच अपने स्तर से कर रही है.
जांच कमेटी में कौन-कौन हैं शामिल?
योगी सरकार की ओर इस हत्याकांड की न्यायिक जांच के लिए बनाई गई तीन सदस्यीय कमेटी में रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी सुबेश कुमार सिंह, रिटायर्ड जिला जज बृजेश कुमार सोनी और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अरविंद कुमार त्रिपाठी शामिल हैं. सुबेश कुमार सिंह यूपी पुलिस में डीजी आर्थिक अपराध शाखा के पद से सेवानिवृत हुए. सुबेश कुमार सिंह एडीजी एसटीएफ तथा एटीएस के पद पर रहे.
वहीं, रिटायर्ड जिला जज बृजेश कुमार सोनी सूबे में अपर विधि परामर्शी तथा अपर जिला जज रहे हैं. योगी सरकार की ओर से निकाय चुनाव के मद्देनजर बनाई गई अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग की पांच सदस्यीय कमेटी में भी बृजेश कुमार सोनी शामिल रहे. हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अरविंद कुमार त्रिपाठी 2015 तक न्यायमूर्ति के रूप में इलाहाबाद हाईकोर्ट में कार्यरत रहे. इस जांच कमेटी की अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस अरविंद कुमार त्रिपाठी ही करेंगे. ये कमेटी दो महीनों के भीतर यूपी सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी.
प्रयागराज में क्या हैं हालात?
अतीक-अशरफ हत्याकांड के कुछ ही देर बाद कॉल्विन हॉस्पिटल और आसपास के पूरे इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया. यूपी पुलिस की स्वाट टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी. प्रशासन ने एहतियातन धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी. इसके अलावा इंटरनेट सेवा और एसएमएस पर भी बैन लगा दिया गया. एहतियात के तौर पर आसपास के जिलों से अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती प्रयागराज में कर दी गई है.
चकिया इलाके में जहां उमेश पाल मर्डर केस के मुख्य आरोपी रहे अतीक अहमद का घर है, वहां पुलिस पर पथराव की खबर सामने आने के बाद इलाकों में भारी पुलिसबल और आरएएफ की तैनाती कर दी गई है. हालातों को बिगड़ने से बचाने के लिए अतीक अहमद और अशरफ को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में सुपुर्दे-खाक कर दिया गया. फिलहाल प्रयागराज में हालात नियंत्रण में बने हुए हैं. पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए भारी संख्या फोर्स तैनात कर रखी है. इसी के साथ अफवाहें फैलाने वालों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है.
क्या प्रयागराज में इंटरनेट सेवा बहाल की गई?
अतीक-अशरफ हत्याकांड ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया. इसी को देखते हुए प्रयागराज में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई थी. इतना ही नहीं, प्रयागराज में एसएमएस भेजने पर भी बैन लगा दिया गया था. खबर लिखे जाने तक ये रोक अभी भी जारी है.
क्या कहीं कोई अप्रिय घटना हुई?
असद अहमद की पुलिस एनकाउंटर में हुई मौत और अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद से ही प्रयागराज समेत पूरे देश में तनाव की स्थिति बनी हुई है. हालांकि, चकिया इलाके में पुलिस बल पर पथराव की खबर के अलावा अन्य किसी अप्रिय घटना की कोई जानकारी अब तक सामने नहीं आई है.
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