Atiq Ahmed Killed Reaction: अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या पर क्या कह रहे हैं देशभर के नेता?
Atiq Ahmed Killed Reaction: अतीक की हत्या के बाद ममता बनर्जी, अशोक गहलोत समेत कई विपक्षी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मामले की जांच होनी चाहिए.
सपा ने पार्टी चीफ अखिलेश यादव का बयान जारी किया है. अखिलेश यादव ने कहा कि आज 25 करोड़ जनता की सुरक्षा और उत्तर प्रदेश के भविष्य को लेकर चिंता हैं. बीजेपी ने नफ़रत फैलाकर समाज को डरा दिया है. आने वाले समय में बीजेपी सरकार को यह भारी पड़ेगा. इन सबके लिए मुख्यमंत्री जी, ठोको मानसिकता की जिम्मेदारी से नहीं बच पायेंगे. पुलिस हिरासत में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं. किसी भी लोकतांत्रिक देश में पुलिस अभिरक्षा में इस तरह हत्या नहीं हुई.
गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को कसारी मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. अतीक अहमद के दो नाबालिग बेटे और उसकी बहनें कब्रिस्तान में मौजूद रहे.
वीएचपी ने कहा कि अतीक अहमद की हत्या में बजरंग दल का नाम लेकर अफवाह उड़ाई जा रही हैं जो, पूर्णतः भ्रामक हैं. हत्या करने वाले कौन हैं इसकी जांच यूपी सरकार करा रही है. सत्य सामने आ ही जायेगा.
जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यूपी अराजकता और जंगल राज में फिसल गया है. जय श्री राम के नारों के बीच कट्टर दक्षिणपंथियों द्वारा जघन्य हत्याओं और अराजकता का जश्न मनाया जा रहा है. पुलवामा हमले और भ्रष्टाचार के बारे में सत्यपाल मलिक के खतरनाक खुलासों से ध्यान भटकाने के लिए ये किया गया.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि तो मूल रूप से अजय बिष्ट और यूपी पुलिस को अतीक और उसके भाई को मारने के लिए 3 लोगों को ढूंढा जिनके कोई पारिवारिक संबंध नहीं हैं. इसी तरह सभी आतंकवादी संगठन अपने हिटमैन को भर्ती करते हैं. देश को माफिया राज में बदल दिया गया है.
अतीक के हमलावरों ने पुलिस को बताया कि हम लोग अतीक अशरफ गैंग का सफाया कर प्रदेश में आपने नाम की पहचान बनाना चाहते थे. जिसका लाभ भविष्य में निश्चित रूप से मिलता. पुलिस ने एफआईआर में ये जिक्र किया है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने हत्या के मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराने की मांग की. कमलनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश और देश में किस तरह की राजनीति हो रही है? एक दिन कोई मारा जाता है तो दूसरे दिन कोई और. यह समाज को सोचना है कि उत्तर प्रदेश और देश किस दिशा में जा रहा है. उच्चतम न्यायालय को इसका संज्ञान लेना चाहिए और जांच का आदेश देना चाहिए.
एआईएमआईएम असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अतीक दूसरे मुस्लिम सांसद हैं जिनकी निर्मम हत्या कर दी गई. एहसान जाफरी को 2002 में गुजरात में एक भीड़ ने बेरहमी से मार डाला था और अब अतीक की पुलिस हिरासत में गोली मार कर हत्या कर दी गई.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या पर चिंता जताते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं तब होती हैं जब कोई कानून नहीं होता. देश देख रहा है कि उत्तर प्रदेश में क्या हो रहा है. इस तरह की घटनाएं किसी के भी साथ हो सकती हैं, अगर कानून का राज नहीं है.
अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने यूपी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था के पूरी तरह चरमरा जाने से स्तब्ध हूं. ये शर्मनाक है कि अपराधी अब पुलिस और मीडिया की मौजूदगी से बेफिक्र होकर कानून अपने हाथ में ले रहे हैं. इस तरह के गैरकानूनी कृत्यों का हमारे संवैधानिक लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, 'कानून-व्यवस्था की बात करें तो उत्तर प्रदेश के मुकाबले बिहार में अच्छी है. वहां कोई व्यक्ति अस्पताल जा रहा है और पास आकर गोली मारी जाती है. पत्रकार का रूप लेकर यह हुआ और पता नहीं कि आप लोग हथियार रखें हैं या नहीं... आप लोग भी कुछ कर सकते हैं वैसा... यह सारी बातें सामने आई हैं. इसे अकस्मात नहीं कहा जा सकता है इसे प्लानिंग के तहत अंजाम दिया गया है. यह जांच का विषय है.'
अतीक अहमद और अशरफ का पोस्टमार्टम शुरू हो चुका है. बहनोई और चचेरे भाई को शव सौंपा जाएगा. घटना स्थल से पुलिस ने जिगाना पिस्टल बरामद की है. जिगाना पिस्टल प्रतिबंधित है. शूटर सनी का किसी बड़े गैंग से तार जुड़े होने की आशंका है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "देश का संविधान उन लोगों ने बनाया है जो आज़ादी के लिए लड़े थे. हमारा इसी संविधान और क़ानून को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है. इससे खिलवाड़ करने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती है. अपराधी की सजा का फ़ैसले का अधिकार न्यायपालिका का है. ये अधिकार किसी सरकार को, किसी नेता को या क़ानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को नहीं दिया जा सकता है. गोली-तंत्र और भीड़ तंत्र की वकालत करने वाले केवल संविधान को ध्वस्त करते हैं."
समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव ने कहा, 'मीडिया ने गैंगस्टर बना दिया. कभी-कभी कुछ घटनाएं हो जाती हैं, बड़े-बड़े लोगों से हो जाती है. यहां ऐसे बड़े-बड़े पदों पर लोग बैठे हैं जो बम फेंककर 10-15 लोगों को मरवा दिया तब (उनको) कोई नहीं गैंगस्टर कहता है. इतने मामले बताए गए लेकिन किसी में भी अतीक अहमद दोषसिद्ध नहीं हुआ. फर्ज़ी मुकदमे रोज़ लोगों के खिलाफ लिखाए जाते हैं. अतीक अहमद 1989, 1991, 19993, 1995 से विधायक और 14वीं लोकसभा में फूलपुर से सांसद हुए. ऐसा तो था नहीं कि सभी गुंडा बदमाश चुनाव जीत जाते हैं. वह रिकॉर्ड 3 बार निर्दलीय चुनाव जीते."
अतीक और अशरफ की हत्या पर समाजवादी पार्टी विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा, पुलिस की सुरक्षा में दो लोगों की हत्या से यह स्पष्ट है कि प्रदेश में गुंडा, माफिया और जंगलराज कायम हो गया है. प्रदेश में अपराधी भयमुक्त हो गए हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री को अब ऐसे हालात में सत्ता में नहीं रहने का अधिकार है.
समाजवादी पार्टी रामगोपाल यादव ने कहा, "मुख्यमंत्री ने जब कहा कि मिट्टी में मिला देंगे, ये फरमान था कि अब उनको मार देना. सुप्रीम कोर्ट ने अतीक की अर्जी को खारिज कर दिया. यह एक सुनियोजित तरीके से की गई हत्या है. इसकी जांच होगी तो कई लोगों का नाम आएगा. लोकतंत्र के खात्मे की ओर जा रहा है देश. अतीक किसी आरोप का दोष सिद्ध नहीं हुआ था. अतीक अहमद पूर्व एमपी थे. भाई भी विधायक थे. पुलिस या किसी को ये अधिकार नहीं है कि किसी को पकड़ कर मार दे. इलाहाबाद में चर्चा है कि अतीक के जो बच्चे बच गए हैं उनको भी मार दिया जाए."
अतीक के बेटे असद के एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि एनकाउंटर आतंकियों का किया जाता है. क्या 19 साल का लड़का देश की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है? उसके पैर में गोली मारकर गिरफ्तार कर सकते थे.
अतीक-अशरफ हत्याकांड के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं. सीएम योगी घटना पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. आज बीजेपी संगठन के लोगों के साथ होनी थी बैठक जिसे रद्द कर दिया गया. अधिकारियों को हर 2 घंटे में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है.
उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा, 'ये एक राज्य का विषय है. किसी और राज्य की कानून व्यवस्था पर बयान देना सही नहीं है. दिनदहाड़े पुलिस के बंदोबस्त के बीच अगर हत्या होती है तो यह गंभीर विषय है. लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल खड़े होते हैं, चाहे वह माफिया ही क्यों न हो.'
JDU नेता नीरज कुमार ने कहा, उत्तर प्रदेश की सरकार को जवाब देना होगा. उत्तर प्रदेश का मसला है जवाब देना होगा. उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं. वहीं RJD नेता शिवानंद तिवारी ने कहा, ये सविंधान का, कानून व्यवस्था का और लोकतंत्र का एनकाउंटर है. उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, क्या अतीक अहमद समाजवादी पार्टी का राज खोलने वाला था. अब जांच का विषय है.
कपिल सिब्बल ने कहा, '19 साल के असद से देश को क्या खतरा था. आपको उसे पकड़ना ही था तो उसे पैर पर गोली मार देते, एनकाउंटर करने की क्या जरूरत थी.'
बीजेपी नेता संतोष गंगवार ने कहा, जब कानून व्यवस्था सख्ती से लागू होती है, तो ऐसी घटनाएं हो जाती हैं. इसका संबंध वोट से लेना नहीं है. हमारा लक्ष्य कानून व्यवस्था कायम करना.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, "हमारे देश का कानून संविधान में लिखा गया है, यह क़ानून सर्वोपरि है. अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, मगर देश के क़ानून के तहत होनी चाहिए. किसी भी सियासी मक़सद से कानून के राज और न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ करना या उसका उल्लंघन करना हमारे लोकतंत्र के लिए सही नहीं है. जो भी ऐसा करता है, या ऐसे करने वालों को सरंक्षण देता है, उसे भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उसपर भी सख्ती से क़ानून लागू होना चाहिए. देश में न्याय व्यवस्था और कानून के राज का इकबाल बुलंद हो, यही हम सबकी कोशिश होनी चाहिए."
कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि अतीक और अशरफ के हत्यारों ने जय श्री राम के नारे लगाए. क्या भगवान राम का इस्तेमाल इन कृत्यों के लिए होगा? उन्होंने कहा, ''अतीक और अशरफ को इलाहाबाद में गोली मारी गई. कई पुलिसकर्मी भी मौजूद थे. ऐसे में कौन सी अक्लमंदी है. वो तो इसे सीधे ही एनकाउंटर भी दिखा सकते हैं. ऐसे में आरोपियों को कानून के मुताबिक सजा हो.'' उन्होंने आगे कहा कि अतिक और अशरफ इलाहाबाद में मारे गए. पुलिस के इंतजाम को देखते हुए क्या परिंदा भी पर मार सकता था तो कैसे मारे गये? क्या यूपी में क़ानून का राज है?
अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "देश देख रहा है कि यूपी में क्या हो रहा है. ऐसा किसी के साथ हो सकता है जो वहां हो रहा है यह आसान काम है, मुश्किल काम कानून का राज कायम करना है. उत्तर प्रदेश में जो हो रहा है वह देश देख रहा है. कानून का राज नहीं रहेगा तो यह घटनाएं किसी के भी साथ हो सकती हैं। यूपी में जो हुआ वह आसान है लेकिन क़ानून व्यवस्था को बनाए रखना मुश्किल है."
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, कल जो हत्या हुई है उसकी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की है. अगर उनमें संवैधानिक नैतिकता ज़िंदा है तो उनको अपने पद को छोड़ना पड़ेगा. हम मांग करते है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री इस्तीफा दें, सुप्रीम कोर्ट इसमें एक जांच दल मनाए और इस मामले का स्वता: संज्ञान ले वरना यह चलता रहेगा. संविधान के मुताबिक उन सब पुलिस वालों को उनकी सर्विस से निकालना चाहिए.
उत्तर प्रदेश स्थित प्रयागराज में अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या के बाद बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस मामले में सरकार पर सवाल उठाए हैं. एक ट्वीट में मायावती ने कहा- गुजरात जेल से अतीक अहमद व बरेली जेल से लाए गए उनके भाई अशरफ की प्रयागराज में कल रात पुलिस हिरासत में ही खुलेआम गोली मारकर हुई हत्या, उमेश पाल जघन्य हत्याकाण्ड की तरह ही, यूपी सरकार की कानून-व्यवस्था व उसकी कार्यप्रणाली पर अनेकों गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े करती है.
अतीक-अशरफ की हत्या पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मीडिया से कहा, "इस पूरे घटना में यूपी की बीजेपी सरकार की भूमिका है. सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में इसकी जांच हो. उतर प्रदेश में बीजेपी की सरकार RULE OF LAW से सरकार नहीं चला रही है. RULE OF GUN से सरकार चला रही है. बीजेपी की सरकार को कानून पर भरोसा नहीं है. कल का जो मर्डर हुआ है वह COLD BLOODED मर्डर है. हथियार चलाने का तरीका देखिये उन्हें मालूम था कि हमें किस जगह पर मारना है."
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में भारी सुरक्षा के बीच हत्या ने सनसनी फैला दी है. विपक्षी पार्टियां लगातार योगी सरकार पर सवाल उठा रही है. वरिष्ठ नेता और मशहूर वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यूपी में 12 सेकेंड में दो हत्याएं हुई है. पहला अतीक अहमद और उसके भाई की और दूसरा रूल ऑफ लॉ की.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की घोषणा की है, जो पुलिस और मीडिया की मौजूदगी में गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच करेगा. राज्य को हाई अलर्ट पर रखा गया है और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारी स्थिति की निगरानी के लिए प्रयागराज जा रहे हैं.
एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर योगी सरकार पर हमला किया है. उन्होंने फैज़ अहममद फैज़ की नज़्म को शेयर किया. उन्होंने कहा कि तुझको कितनों का लहू चाहिए ऐ अर्ज़-ए-वतन. जो तिरे आरिज़-ए-बे-रंग को गुलनार करें...ये रूल ऑफ लॉ है या रूल ऑफ गन?
बहुजन समाज पार्टी (BSP) के सांसद दानिश अली ने ट्वीट कर कहा कि यह ऊपर के इशारे के बिना नहीं हो सकता. किसी और लोकतंत्र में कानून के शासन के खिलाफ ऐसे जघन्य अपराध के लिए राज्य सरकार को बर्खास्त कर दिया जाता.
यूपी के मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को फील्ड में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. आम जनता को किसी प्रकार की परेशानी ना आए इसका ध्यान रखने को भी कहा गया है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश में शांति व्यवस्था बनी रहनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें. अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
अतीक अहमद और अशरफ की हत्या पर उनके वकील विजय मिश्रा ने कहा कि पुलिस उनको गाड़ी से निकालकर मेडिकल के लिए ले जा रही थी, जैसे ही कैंपस के अंदर दोनों आए गोलियों की आवाज आई. दोनों को गोली लगी, वहीं दोनों की मौत हो गई. पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया है.
बैकग्राउंड
Atiq Ahmed Killed: भारी सुरक्षा घेरे के बीच माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार (15 अप्रैल) की रात करीब 10 बजे हत्या कर दी गई. दोनों की हत्या उस वक्त हुई जब पुलिस ने लंबी पूछताछ के बाद प्रयागराज के अस्तपाल लाए थे. मीडियाकर्मी दोनों से सवाल कर रहे थे, तभी तीन हमलावरों ने नजदीक से सिर में गोली मार दी. पूरी वारदात कैमरे में कैद हो चुकी है.
अतीक अहमद की हत्या ऐसे समय में हुई है जब शनिवार को ही उनके बेटे असद और उसके दोस्त गुलाम का अंतिम संस्कार किया गया है. दोनों को यूपी एसटीएफ ने गुरुवार (13 अप्रैल) को एनकाउंटर में मार गिराया था. दोनों की उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस को तलाश थी.
अतीक अहमद की हत्या के बाद सनसनी फैल गई. लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाई लेवल बैठक की. बैठक में पूरे यूपी में धारा 144 लागू करने का निर्देश दिया गया. मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. रातभर यूपी के संवेदनशील इलाकों में पुलिस गश्त करती दिखी.
दोनों नेताओं की हत्या पर विपक्षी दलों ने कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए हैं. पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि यूपी में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद है. जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसीकी हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या. इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं.
वहीं एआईएमआईएम के मुखिया और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अतीक और उनके भाई पुलिस की हिरासत में थे. उन पर हथकड़ियां लगी हुई थीं. JSR के नारे भी लगाये गये. दोनों की हत्या योगी के क़ानून व्यवस्था की नाकामी है. एनकाउंटर राज का जश्न मनाने वाले भी इस हत्या के ज़िम्मेदार हैं. जिस समाज में हत्यारे हीरो होते हैं, उस समाज में कोर्ट और इंसाफ़ के सिस्टम का क्या काम?
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -