Atiq Ahmed Murder Case: उत्तर प्रदेश में पांच बार विधायक और एक बार लोकसभा सांसद रहा माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) 15 अप्रैल को पुलिस की मौजूदगी में हत्या कर दी गई. अतीक की हत्या के बाद ऐसे तो कई सवालों के जवाब अब ढूंढना मुश्किल हो गए हैं हालांकि, कुछ बड़े दावे भी किए जा रहे हैं. एक दावा ये भी किया गया है कि अतीक बड़े बिल्डर और बड़े कारोबारियों से चुनाव लड़ने के लिए चुनाव टैक्स लिया करता था. 


सूत्रों के हवाले से खबर है कि अतीक की तरफ से दो तरह की पर्ची बड़े कारोबारियों और व्यवसाय से जुड़े बड़े कारोबारियों को दी जाती थी. एक पर्ची गुलाबी होती थी तो दूसरी पर्ची सफेद रंग की होती थी. गुलाबी पर्ची का रेट 3 लाख से 5 लाख तक का हुआ करता था तो वहीं सफेद पर्ची का रेट 5 लाख से ऊपर हुआ करता था.


रकम कैश में नहीं ली जाती थी बल्कि...


वहीं, इन बड़े कारोबारियों और बिल्डरों से रकम कैश में न लेकर सीधा अकाउंट में ट्रांसफर कराया जाता था. पता ये भी चला है कि इन बिल्डरों और कारोबारियों से लिया चुनाव टैक्स बैंक ऑफ महाराष्ट्र के एक अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता था जो अतीक अहमद के नाम पर है. 


खुद चुनाव लड़ने के लिए भी...


इसके अलावा, अतीक अहमद के चुनाव लड़ने पर गुंडा टैक्स वसूली पर्ची जारी होती थी. बता दें, अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीन आरोपियों को सोमवार को प्रयागराज की केंद्रीय जेल से प्रतापगढ़ जिला कारागार में स्थानांतरित कर दिया गया.


अतीक-अशरफ के हथियारे...


पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमीरपुर के सनी (23), बांदा के लवलेश तिवारी (22) और कासगंज के अरुण कुमार मौर्य (18) को प्रशासनिक आधार पर प्रयागराज की केंद्रीय कारागार से जिला जेल प्रतापगढ़ स्थानांतरित किया गया. इन तीनों ने अतीक और अशरफ की उस वक्त हत्या कर दी थी जब उन्हें मेडिकल जांच के बाद अस्पताल से वापस लाया जा रहा था.


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