Mohit Jaiswal Kidnapping Case: प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल का अपहरण कर देवरिया जेल ले जाने और वहां उसके साथ मारपीट कर 45 करोड़ रुपए की संपत्ति के कागज पर हस्ताक्षर कराने के मामले में कोर्ट ने अभियुक्त उमर अहमद के वकील की अर्जी पर जेल अधीक्षक लखनऊ से रिपोर्ट तलब की है. दूसरी तरफ सीबीआई ने अतीक अहमद की मृत्यु रिपोर्ट दाखिल करने पर उसकी फाइल बंद कर दी है. सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने अभियोजन साक्ष्य के लिए अगली सुनवाई 19 मई को तय की है.


कोर्ट ने अतीक की फाइल को बंद करने के साथ ही अन्य आरोपियों की सुनवाई और गवाही के लिए 19 मई की तारीख निर्धारित की है. कोर्ट ने ये कहते हुए कि आरोपी की मौत हो चुकी है इसलिए किसी औपचारिकता की जरूरत नहीं है मामले को बंद कर दिया है. वहीं अतीक के बेटे और प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल के अपहरण मामले के आरोपी मोहम्मद उमर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया. 


कोर्ट ने जेल अधीक्षक लखनऊ से मांगी रिपोर्ट
उमर के वकील विजय मिश्रा ने कोर्ट में एक अर्जी दी है जिसमें बताया कि जेल प्रशासन उन्हें उमर से मिलने नहीं दे रहा है. वकील ने कहा कि यह उसका संवैधानिक अधिकार है, लेकिन जेल प्रशासन आरोपी उमर को मनपसंद वकील रखने और अपना बचाव करने के अधिकार से वंचित रखने की कोशिश कर रहा रहा है. वकील मिश्रा ने कहा कि उन्होंने कई बार अपने मुवक्किल से मिलने की कोशिश की, लेकिन हर बार उन्हें रोक दिया गया. इसी याचिका पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने जेल अधीक्षक लखनऊ से रिपोर्ट मांगी है. 


ये है मामला
साल 2019 में लखनऊ के प्रापर्टी डीलर मोहित जायसवाल का अपहरण हो गया था. उसके हाथ पांव बांधकर उसे देवरिया जेल ले जाया गया था जहां माफिया डॉन अतीक अहमद जो पहले से वहां कैद था उसने घोड़ा हांकने वाले चाबुक से उसे बहुत मारा और 45 करोड़ रुपए से भी अधिक कीमत की जमीन अपने नाम करा ली. इस मामले में पुलिस ने पहले तो कोई संज्ञान नहीं लिया, लेकिन जब बाद में मामला बढ़ गया तो केस दर्ज किया गया.


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