Atiq Ahmad Son Encounter: 2005 में हुए बीएसपी विधायक राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह उमेश पाल की 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दिनदहाड़े कर दी गई थी. इसके एक दिन बाद 25 फरवरी को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में खुलकर कहा था कि 'इस हाउस में कह रहा हूं. इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे.' इस बयान के 50 दिन के भीतर बीते गुरुवार (13 अप्रैल) को माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम मोहम्मद के एनकाउंटर ने सीएम योगी आदित्यनाथ के शब्दों पर मुहर लगा दी. 


उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों पर हुई कार्रवाई में अब तक चार शूटर्स मारे जा चुके हैं. इनमें अरबाज, विजय कुमार उर्फ उस्मान चौधरी, असद अहमद और गुलाम मोहम्मद के नाम शामिल हैं. वहीं, यूपी पुलिस की टीमें गुड्डू मुस्लिम, साबिर और अरमान को तलाश करने में पूरा जोर लगा रही हैं.  


सीएम योगी की अपराध को जड़ से खत्म करने का वादा


25 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा करने के लिए विधानसभा की कार्यवाही शुरू ही हुई थी कि विपक्ष की समाजवादी पार्टी ने उमेश पाल हत्याकांड को लेकर योगी सरकार में कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिए. 


इसके जवाब में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अपराध पर सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्रवाई के नतीजे जल्द सबके सामने आएंगे. उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और सपा विधायकों का रुख करते हुए कहा था कि इस हाउस में कह रहा हूं. इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे. जितने माफिया हैं, उनको मिट्टी में मिलाने का काम करेंगे. 


50 दिनों के भीतर ही उमेश पाल हत्याकांड में शामिल पांच में से चार लोगों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया. तीन अलग-अलग एनकाउंटर में मारे गए इन सभी लोगों ने दिनदहाड़े उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में लगे दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. 


तीन एनकाउंटर्स की कहानी


पूर्व सांसद और गैंगस्टर अतीक अहमद का बेटा असद अहमद और शूटर गुलाम मोहम्मद को गुरुवार (13 अप्रैल) को एक पुलिस एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया. बीती 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के लिए परिजनों ने अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, भाई अशरफ, अतीक के बेटे असद और अन्य पर हत्या का आरोप लगाया था.


दिनदहाड़े हुई ये हत्या सीसीटीवी में कैद हो गई थी. जिसके सहारे पुलिस ने हत्या में शामिल पांच लोगों- विजय चौधरी उर्फ उस्मान, अरबाज (गाड़ी का ड्राइवर), असद अहमद, गुलाम मोहम्मद और गुड्डू मुस्लिम की पहचान की थी. इसके बाद से ही ये सभी आरोपी फरार चल रहे थे, लेकिन पुलिस लगातार इनका पीछा कर रही थी.


उमेश पाल हत्याकांड के दो दिन बाद 27 फरवरी को पहले पुलिस एनकाउंटर में अरबाज को मार गिराया गया. इसके बाद 6 मार्च को प्रयागराज में विजय चौधरी को ढेर कर दिया गया. तीसरा एनकाउंटर झांसी में हुआ, जिसमें असद और गुलाम मारे गए.


अतीक ने भी कबूला- मिट्टी में मिल गए


उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही अतीक अहमद को अपने बेटे के हश्र का डर सताने लगा था. 5 मार्च को जब अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा था. इसी दौरान उसने मीडिया से बातचीत में कहा था कि वो सरकार से गुजारिश करता है कि उसके परिवार को छोड़ दिया जाए. जो उसके साथ कई मामलों में सह-आरोपी हैं.


अतीक अहमद ने कहा था कि हम सरकार से कहना चाहते हैं, बिलकुल मिट्टी में मिल गए हैं. अब हमारी औरतों और बच्चों को परेशान न करें. वहीं, असद के एनकाउंटर की खबर मिलने के बाद माफिया डॉन बच्चों की तरह फूट-फूटकर कोर्ट में रोने लगा और गश खाकर गिर पड़ा. मामले का पांचवां आरोपी गुड्डू मुस्लिम अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, लेकिन उसे पकड़ने के लिए पूरा जोर लगाया जा रहा है. 


'ये नए भारत का नया यूपी'- केशव प्रसाद मौर्य


प्रयागराज कोर्ट ने गुरुवार को अतीक अहमद को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. अतीक के बेटे असद अहमद की मौत हो चुकी है, भाई अशरफ बरेली की जेल में बंद है और पत्नी शाइस्ता परवीन फरार है. पुलिस एनकाउंटर पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ये अपराधियों के लिए संदेश है. ये नए भारत का नया यूपी है. इस तरह के अपराधों में लिप्त लोगों को पुलिस पाताल से भी खोज लाएगी. उन्होंने कहा कि ये प्रयागराज और यूपी के लोगों के लिए राहत की खबर है. आज ये मिट्टी में मिल गए.


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