राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में गुरुवार को सुनवाई हुई. इस दौरान यूपी पुलिस ने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट में पेशी के दौरान ऊपरी मंजिल के छज्जे से काला नकाब पहने एक महिला लगातार झांकती दिखी. ऐसे में अब इस महिला को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि आखिर काला नकाब पहने ये महिला कौन थी. अतीक की सुनवाई के दौरान काला लिबास पहले भी चर्चा में आ चुका है.


28 मार्च को एमपी-एमएलए कोर्ट प्रयागराज में कार्यवाही के दौरान वकीलों के बीच काले कोट पहने कुछ लोगों ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा था. काले कोट में वकीलों के बीच बैठे ये लोग सुनवाई के दौरान किसी को मैसेज करके अपडेट दे रहे थे. बाकी वकीलों के सवाल उठाने पर ये सब वहां से चले गए थे. सजा सुनाने के बाद ये काले पोशाक वाले सभी लोग दोषियों के साथ ही उनके वाहनों के पीछे चले गए. सुनाई का पूरी सुरक्षा के बीच होना और बार-बार रहस्यमयी तौर पर काले कपड़ों में अनजान चेहरों का कोर्ट में और कोर्ट के आसपास मौजूद होना कई तरह के सवाल पैदा करता है. 


बता दें कि माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद का यूपी STF ने झांसी में एनकाउंटर कर दिया. गुरुवार को असद के एनकाउंटर के बाद  मेरठ में रहने वाले डॉक्टर अखलाक के घर पर भी मातम फैला है. अखलाक की बेटी से असद का इसी साल निकाह होना था. अखलाक मेरठ में रहता है और अतीक का बहनोई है. डॉक्टर अखलाक को एसटीएफ ने अरेस्ट किया है. अखलाक की पत्नी आयशा नूरी पर भी हत्याकांड का आरोप है. आयशा नूरी अभी फरार चल रही है. 


असद के एनकाउंटर के बाद स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने मीडिया को बताया कि अतीक अहमद और एक और अपराधी को वारंट बी के जरिए साबरमती और बरेली जेल से लाया जा रहा था. कॉनवॉय पर हमले की आशंका थी. ऐसी सूचना थी की साबरमती और बरेली जेल से अपराधियों को छुड़ाया जा सकता है. ऐसे में तुरंत एक्शन लिया गया. 


खबरों के मुताबिक असद अहमद के शव को आज यानी शुक्रवार को दफनाया जा सकता है. असद अहमद के एनकाउंटर के बाद अतीक के परिवार ने अदालत से सुरक्षा की मांग की है. 

कोर्ट रूम में लड़खड़ाकर बैठ गया अतीक 


कोर्ट रूम में बेटे की एनकाउंटर की खबर सुनते ही माफिया अतीक अहमद के होश उड़ गए थे. वो कांपने लगा और बेंच पर बैठ गया. आंखों से आंसू बहने लगे. अतीक कुछ देर तक कुछ भी बोल पाने की स्थिति में नहीं था. 


दोपहर के करीब 1 बजे सीजेएम कोर्ट में उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद और अशरफ की कस्टडी रिमांड पर भेजने जाने की अर्जी पर सुनवाई चल रही थी. उसी समय कोर्ट में ये शोर मचा कि शूटर असद और गुलाम का एनकाउंटर हो गया. खबर सुनते ही अतीक कांपने लगा.  अतीक के लड़खड़ा गया और वो लकड़ी की बेंच पर बैठ गया. पास खड़े भाई अशरफ ने अतीक को संभाला तो अतीक की आंखें भर आई. 


कोर्ट रूम से अतीक के निकलते ही खूब शोरशराबा मचा. इस सब के बावजूद अतीक किसी भी तरह का कोई रिएक्शन नहीं दे रहा था. कोर्ट परिसर से निकल कर कैदियों के वैन तक जाने के बीच अतीक पत्थर बना रहा. जैसे ही  वैन में बैठा उसकी आंखों से आंसू बहना शुरू हो गए. 


जेल में बेटे अली से मिलने के लिए गिड़गिड़या 


सुबह कोर्ट में पेशी से पहले अतीक ने जेल अधिकारियों से अपने बेटे अली से मिलने की ख्वाहिश जताई. उसने कई बार अफसरों से मिन्नतें कीं, लेकिन अली से वह नहीं मिल सका. शासन का निर्देश और जेल मैनुअल का हवाला देते हुए मुलाकात की इजाजत नहीं मिली. अशरफ ने भी अली से मिलने की बात कही थी, दोनों में से किसी को भी इसकी इजाजत नहीं दी गई.


बीती 27 मार्च को भी नैनी जेल पहुंचे अतीक और अशरफ की मुलाकात अली से नहीं हो पाई थी. अतीक और अशरफ पूरे 16 घंटे नैनी जेल में बंद थे. इस दौरान दोनों बार-बार अली से मिलने की बात कहते रहे. अशरफ ने मुलाकात न होने पर नाराजगी दिखाते हुए बंदी रक्षकों से बहस भी की थी. बता दें कि शासन की तरफ से अतीक व अशरफ की मुलाकात अली से कराने को लेकर सख्त मनाही है. 


बता दें कि अतीक का बेटा अली अहमद को हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है. वहीं भाई अशरफ को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है. जेल में ही दोनों रोजा रख रहे हैं. दोनों ने असद की मौत की खबर के बाद रोजा खोल कर कुछ भी नहीं खाया.  अतीक के लिए बैरक में दूध भी भेजा गया था, लेकिन अतीक ने गर्म पानी से दवा ली. 


शूटर गुलाम के भाई ने शव लेने से किया इनकार


झांसी में एनकाउंटर में मारे गए शूटर गुलाम हसन मोहम्मद के परिवार ने उसके शव को लेने से इनकार कर दिया है. हसन के भाई राहिल ने मीडिया को ये बताया कि हसन की वजह से घर बर्बाद हो गया, उसने मां भाई और परिवार को भी नहीं समझा. उससे मेरा कोई नाता नहीं है. राहिल बीजेपी अल्पसख्यंक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रहे हैं. उमेश पाल हत्याकांड में गुलाम का नाम आने के बाद राहिल को बीजेपी अल्पसख्यंक  प्रकोष्ठ अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था. 


अतीक को अब देना है 200 सवालों के जवाब


उमेश पाल हत्याकांड में मुख्य आरोपी अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को गुरुवार की सुनवाई के बाद सीजेएम कोर्ट ने 4 दिन की पुलिस कस्टडी पर भेज दिया है. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश गौतम की अदालत ने ये फैसला सुनाया है. 


4 दिन की पुलिस कस्टडी के दौरान दोनों से करीब दौ सौ सवाल पूछे जाएंगे. पुलिस ने सवालों की लिस्ट पहले से ही तैयार कर ली है. पुछताछ के दौरान दोनों आरोपियों को वकील रखने की छूट मिली है.


मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अभियोजन की तरफ से पेश किए गए केस डायरी और दूसरे कागजातों का अवलोकन करके अतीक और भाई अशरफ को 26 अप्रैल तक न्यायिक अभिरक्षा देने की इजाजत दी. इस बीच दोनों को नैनी जेल में रखा जाएगा. 


पाकिस्तान से है अतीक का कनेक्शन ?


पुलिस ने यह कहकर रिमांड मांगा कि अतीक का पाकिस्तान से कनेक्शन है. अतीक बॉर्डर पर ड्रोन से गिराए हथियार खरीदता था. उसके पास हथियारों का जखीरा है‌. पुलिस ने ये भी कहा कि अतीक का संबध आईएसआई और लश्कर से भी है. रिमांड के दौरान अतीक हथियारों का जखीरा बरामद करा सकता है. 


कोर्ट के आदेश पर पुलिस अतीक से 13 से 17 अप्रैल की शाम 5 बजे तक पूछताछ करेगी. पुलिस ने दोनों की 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन केवल 4 दिन की रिमांड ही मिल सकी है. 


'आज दिल को सकून मिला'


मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक असद अहमद और शूटर गुलाम हसन के एनकाउंटर के बाद उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भरोसा जताया. जया पाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने माफिया को मिट्टी में मिलाने का अपना वादा पूरा करके दिखा दिया है. जया पाल ने ये भी कहा कि इस मामले में फरार शूटरों और साजिशकर्ताओं का भी यही हाल होना चाहिए. 


जया पाल ने कहा कि सीएम योगी उनके लिए पिता के समान हैं. उन्होंने मुझ जैसी बेटी का मान रखा. इस एनकाउंटर के जरिए एसटीएफ ने माफिया को बड़ा संदेश दे दिया है. असद के एकांउटर के बाद उमेश की मां शांति पाल ने भी योगी अदित्यनाथ को शुक्रिया कहा. शांति पाल ने ये कहा कि आज दिल को सकून मिल गया है.


सोशल मीडिया पर ट्रेंड- मिट्टी में मिला दूंगा


बता दें कि असद और गुलाम के एनकाउंटर के बाद सोशल मीडिया पर हैशटैग "मिट्टी में मिला दूंगा" ट्रेंड करता रहा. लोगों ने यूपी एसटीएफ की सराहना की. इस हैशटैग के 22 हजार से ज्यादा ट्वीट घंटे भर में हो गए. यूजर्स ने लिखा कि जो कहता हूं.. करता हूं- मिट्टी में मिला दिया.


ये हैशटैग भी होने लगे वायरल


असद और गुलाम का एनकाउंटर होने के बाद सोशल मीडिया पर कई हैशटैग भी तेजी से वायरल होने लगे. इनमें #एनकाउंटर, #अतीक अहमद, #यूपी पुलिस, #यूपीएसटीएफ, #गुड्डू मुस्लिम, #असद अहमद, #बाबा, #विकास दुबे जैसे हैशटैग पर लोगों ने खूब कमेंट किए.


इन हैशटैग में लोग यूपी एसटीएफ की कार्रवाई की सराहना कर रहे थे तो अतीक अहमद के गुनाहों और उसके बेटे की करतूतों की चर्चा कर रहे थे.  सीएम योगी की अपराधियों और माफिया के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति की भी लोगों ने खूब सरहाना की. 


कौन था असद अहमद


माफिया से राजनेता बना अतीक अहमद का बेटा असद अहमद 24 फरवरी के बाद से उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए 'मोस्ट वांटेड' लिस्ट में शामिल हो गया था. असद को 24 फरवरी को प्रयागराज की एक व्यस्त सड़क पर दिनदहाड़े उमेश पाल की हत्या करने वाले आधा दर्जन शूटरों का नेतृत्व करते देखा गया था. उसके ऊपर पांच लाख रुपये का इनाम रखा गया था. 


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक असद ने इसी साल लखनऊ से एक बड़े स्कूल से 12वीं पास किया था. बताया जाता है कि वह आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहता था लेकिन फैमिली के क्रिमिनल बैकग्राउंड के चलते उसका पासपोर्ट क्लियर नहीं हो सका. इसके बाद फैमिली की तरह वह भी क्राइम की दुनिया में एंट्री कर गया.


रिपोर्ट्स के मुताबिक असद पिता के कामों में मदद करता था. असद के चाचा अशरफ (अतीक का भाई) ने शूटिंग, घुड़सवारी और कार रेसिंग की ट्रेनिंग दी थी. हाल ही में उमेश पाल हत्याकांड में भी उसका नाम जुड़ा था. जिसके बाद पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. उस पर 5 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था. 


माफिया अतीक अहमद और अशरफ के जेल जाने के बाद उसके बेटे उमर और अली गैंग को चला रहे थे. दोनों पर कई मुकदमें दर्ज हैं. दोनों ने एनकाउंटर के डर से सरेंडर कर दिया था. जिसके बाद पुलिस को शक था कि असद ही गैंग को चला रहा था. उसने उमेश पाल मर्डर का प्लान बनाने के लिए अतीक और अशरफ से सलाह ली थी. 


24 फरवरी से पहले असद के खिलाफ कोई भी केस दर्ज नहीं था. लेकिन उमेश पाल हत्याकांड के वीडियों में असद को साफ देखा जा सकता है जिसमें वो खुलेआम गोली चला रहा है. इसी एक वीडियो ने उसको यूपी का सबसे बड़ा मोस्टवांटेंड बना दिया था. उसको तलाश करने के लिए यूपी पुलिस की टीमें नेपाल तक खाक छान रही थीं.