Atiq Ahmad and Ashraf Murder Case: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया और सांसद रहे अतीक अहमद के साथ-साथ उसके भाई अशरफ अहमद की तीन हमलावर हत्या कर देते हैं. इस हत्याकांड को लेकर कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं और राजनीति भी जमकर हो रही है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी लगातार बीजेपी सरकार पर हमला कर रहे हैं. मामले को लेकर एक बार फिर ओवैसी ने यूपी सरकार को घेरा है.


ओवैसी ने हैदराबाद में कहा कि उन्होंने (अतीक अहमद और उसके भाई पर गोली चलाने वाले) कहा कि हम मशहूर होना चाहते थे. ये मशहूर होना नहीं है, ये वो ग्रुप है जिसे हम टेरर सेल कहते हैं...हम पूछना चाहते हैं कि उनपर UAPA क्यों नहीं लगा? उन्हें 8 लाख का हथियार किसने दिया? आप याद रखो कि ये आतंकवादी हैं, ये रेडिक्लाइज हो चुके हैं. ये गोडसे के नक्शे कदमों पर चल रहे हैं.


उन्होंने कहा, “हम खुशहाल हैं लेकिन हुक्मरानों से खुशहाल नहीं हैं. अरे हथकड़ियों में हैं, बेड़ियों में हैं और गोली मार रहे हैं. दिल्ली के नकली बादशाह से पूछना चाहते हैं...बताओ यह क्या हो रहा है. हम उत्तर प्रदेश के महाराज से पूछना चाहते हैं कि यह क्या हो रहा है. उन्होंने कहा था कि गोली का जवाब गोली से देंगे. अब जब गोली चल गई तो जो पुलिस वाले थे किसी ने अपना हथियार नहीं निकाला. ऐसा लग रहा था कि दूल्हे की बारात में आए हैं, निकालकर एक को तो गोली मारते. गोली मार दिए, अपने मकसद में कामयाब हो गए उसके बाद सरेंडर सरेंडर कर रहे हैं.”


ओवैसी के सवाल


उन्होंने कहा, “हम यह पूछना चाहते हैं कि जो बंदूक इस्तेमाल हुई वो आठ लाख की है, दो हो गई तो 16 लाख. इन लोगों के घर जब मीडिया वाले गए तो एक की अम्मा झोपड़ी में रहती है. तो इनके पास यह हराम की दौलत कहां से आई. यह 16 लाख का हथियार कहां से आया, यह गोलियां कहां से आईं. मैंने 12 घंटे के भीतर कहा था कि ये पेशेवर हैं.”


एआईएमआईएम चीफ ने कहा, “पुलिस के आईजी विजय शंकर सिंह ने कहा कि इन्हें एक महीने की ट्रेनिंग दी गई. एक और अधिकारी ने कहा कि इन्हें कम से कम 500 राउंड की ट्रेनिंग दी गई होगी. इससे मालूम होता है कि इन्हें ट्रेनिंग दी गई. इससे मालूम होता है कि यह मारने वाले गोडसे की नाजायज औलाद हैं. क्योंकि गोडसे ने भी गांधी को गोली से मारा था. यह गोडसे के वारिस हैं.”


‘मुझे अल्लाह ने बचा लिया’


ओवैसी ने आरोप लगाते हुए कहा, “अल्लाह ने मुझे बचा लिया. जब उनसे पूछा गया कि तुमने ओवैसी पर गोली क्यों चलाई तो उन्होंने कहा कि ओवैसी को मारकर हम मशहूर होना चाहते थे. यह मशहूर होना नहीं है यह बाकायदा ग्रुप है जिसे हम टेरर सेल कहते हैं. हो सकता है फिर से कोशिश करें मुझे मारने की लेकिन मुझे परवाह नहीं है. हम अपने देश के प्रधानसेवक से और उत्तर प्रदेश के सीएम से पूछना चाहते हैं कि यह कैसे हुआ? इन पर UAPA क्यों नहीं लगा. इन्हें आठ-आठ लाख के हथियार किसने दिए.”


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