Atiq and Ashraf Ahmed Murder Case: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अतीक अहमद और अशरफ अहमद हत्याकांड के मुख्य आरोपी अरुण मौर्य, सनी सिंह और लवलेश तिवारी को प्रयागराज जेल से प्रतापगढ़ की जिला जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. इसके बाद एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आरोपियों को पुलिस कस्टडी नहीं मिलने पर सवाल किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''आगे की जांच के लिए सीआरपीसी की धारा 167 के तहत कोई पुलिस हिरासत नहीं?''


सूत्रों के मुताबिक, जांच के लिए जो SIT बनी है वही एक दो दिन में कोर्ट से इन आरोपियों की रिमांड मांगेगी.


इस हत्याकांड को लेकर ओवैसी लगातार बीजेपी सरकार पर हमलावर हैं. इससे पहले उन्होंने कहा था कि अतीक ऐसे दूसरे मुस्लिम सांसद थे जिनकी निर्मम हत्या कर दी गई. इससे पहले एहसान जाफरी को 2002 में गुजरात में एक भीड़ ने बेहरहमी से मार डाला था.


‘यूपी में बीजेपी सरकार बंदूक के दम पर चल रही’


अतीक और अशरफ अहमद की हत्या पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था, “मैं शुरू से कह रहा था कि यूपी में बीजेपी सरकार कानून के मुताबिक नहीं बल्कि बंदूक के दम पर चल रही है. हम लोग इसी बात को दोहरा रहे थे, लेकिन सबको लगता था कि हम हवाई बातें कर रहे हैं. इससे लोगों में संविधान के प्रति भरोसा कम होगा. इस घटना की निंदा करने के लिए शब्द नहीं हैं.”






ओवैसी ने आगे कहा, “इसमें सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक कमेटी बननी चाहिए. मैं सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश करता हूं वह इसका स्वत: संज्ञान ले और इस पर एक समय सीमा में जांच होनी चाहिए. इस कमेटी में उत्तर प्रदेश का कोई भी अधिकारी न हो क्योंकि उनकी मौजूदगी में यह हत्या हुई है.”


‘गोली मारकर धार्मिक नारा लगाते हैं’


ओवैसी ने कहा था, “आप गोली मारकर धार्मिक नारा क्यों लगा रहे हैं? इनको आतंकवादी नहीं कहेंगे तो देश भक्त कहेंगे? क्या यह (बीजेपी) फूल का हार पहनाएंगे? जो लोग एनकाउंटर का जश्न मना रहे थे, शर्म से डूब मरो तुम लोग. कल जो हत्या हुई है उसकी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की है. अगर उनमें संवैधानिक नैतिकता जिंदा है तो उनको अपने पद को छोड़ना पड़ेगा.”


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