Atiq-Ashraf Murder Case: अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच में जुटी एसआईटी, मामले से जुड़े लोगों के दर्ज कर रही बयान
Atiq Ahmed Murder Case: अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच में जुटी पुलिस ने बड़ा खुलासा किया. पुलिस जांच में सामने आया कि अतीक अहमद पुलिस कस्टडी के दौरान खुद पर हमला कराने की साजिश रच रहा था.
Atiq-Ashraf Murder SIT Investigation: अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच में जुटी एसआईटी मामले से जुड़े लोगों से लगातार पूछताछ कर रही है. बताया जा रहा है कि एसआईटी ने शनिवार (29 अप्रैल) को अतीक और अशरफ का पंचनामा करने वाले पांच लोगों को बुलाकर उनके बयान दर्ज किए. अतीक-अशरफ हत्याकांड में SIT अबतक कुल 15 लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है. एसआईटी जांच की अगली कड़ी में पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर, चश्मदीदों, कॉल्विन अस्पताल के डॉक्टर व कर्मचारियों के बयान दर्ज किए जा रहे है.
इससे पहले एसआईटी ने उन पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए थे, जो अतीक और अशरफ को लेकर कॉल्विन अस्पताल पहुंचे थे. जख्मी सिपाही मान सिंह से भी एसआईटी पूछताछ कर चुकी है. अतीक और अशरफ को मेडिकल के लिए अस्पताल ले जाने के लिए थाना प्रभारी धूमनगंज राजेश मौर्या समेत 21 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगी थी.
खुद पर हमले की साजिश रच रहा था अतीक
इस बीच अतीक अहमद और अशरफ अहमद के हत्याकांड की जांच में जुटी पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. पुलिस जांच में सामने आया है कि अतीक अहमद पुलिस कस्टडी के दौरान खुद पर हमला कराने की साजिश रच रहा था. सूत्रों के मुताबिक, पुलिस कस्टडी में हमला करवाकर अतीक अहमद अपनी सुरक्षा बढ़वाना चाह रहा था. इसके लिए उसने अपने खास शूटर गुड्डू मुस्लिम को दहशत फैलाने के लिए फायरिंग और बमबाजी करने की जिम्मेदारी दी थी.
हत्यारोपियों ने इस्तेमाल किया फर्जी आधार कार्ड
हाल ही में अतीक-अशरफ हत्याकांड को अंजाम देने वाले शूटरों के बारे में एसआईटी के हाथ एक अहम जानकारी लगी थी. एसआईटी को शूटरों के चार मोबाइल नंबरों का पता चला था, जिनकी कॉल डिटेल रिपोर्ट निकलवाई गई थी. कहा जा रहा है कि इसके जरिये कई राज खुल सकते हैं. जानकारी के अनुसार, शूटरों ने होटल में ठहरने के दौरान फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल किया था.
बताया जा रहा है कि शूटरों ने जो फर्जी आधार कार्ड इस्तेमाल किए थे, उनमें इनका नाम और पिता का नाम सही लिखा हुआ था. जांच को गुमराह करने के लिए इन आधार कार्डों में पता बदल दिया गया था. होटल में जमा कराए गए आधार कार्ड में तीनों का पता चित्रकूट का दर्ज था. इस मामले में पुलिस उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी, जिन्होंने कथित तौर पर इन शूटरों को फर्जी आधार कार्ड बनाने में मदद की.
ये भी पढ़ें: