Atiq Ashraf Murder Case: अतीक अहमद का बेटा असद अहमद पुलिस मुठभेड़ में 13 अप्रैल को मारा गया था. पुलिस ने मौके से उसका फोन भी बरामद किया था. इस फोन के जरिये अब पुलिस अतीक की गैंग से जुड़े सैंकड़ों लोगों तक पहुंच सकती है. दरअसल, अतीक के फोन से पुलिस को एक ग्रुप मिला है, जिसका नाम रखा गया था 'शेरे अतीक'. हालांकि, उमेशपाल हत्याकांड से कुछ समय पहले ही इसे डिलीट कर दिया गया था. अब पुलिस इसके सभी नंबर निकाल कर उनसे पूछताछ करने की तैयारी में है. 


शेरे अतीक से जुड़े 200 लोग अब एसआईटी की रडार पर हैं. अतीक के बेटे असद ने ही माफिया के नाम से ये ग्रुप बनाया था. इस ग्रुप में प्रयागराज कौशांबी और फतेहपुर के करीब 200 युवक थे. अतीक ने उमेश पाल हत्याकांड से कुछ दिन पहले ही इसे डिलीट कर दिया था. अब बड़ा सवाल यही खड़ा हो रहा है कि क्यों आखिर इसे हत्याकांड के कुछ समय पहले ही बंद किया गया. क्या इसमें हत्या का प्लान बनाया जा रहा था. इन सब सवालों की भी जांच की जा रही है.


पीड़ितों की जमीन वापस करने पर मंथन 


अच्छी खबर ये भी है कि पुलिस इस बात पर भी मंथन कर रही है कि जो जमीन अतीक ने हड़पी थी वो पीड़ितों को वापस लौटाई जाए. अतीक और अशरफ ने प्रयागराज सहित कई शहरों में दबंगई से जमीनें कब्जा ली थी या औने-पौने दाम में खरीद ली थी. ऐसी जमीनों को चिन्हित करके वापस लौटाने पर सरकार का विचार जारी है और इसपर जल्द ही फैसला भी हो सकता है. शासन स्तर पर इस मुद्दे को लेकर बैठक हुई और अधिकारी रूप रेखा बनाने में जुटे हुए हैं. 


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