Atique Ahmed Jail Shifting: प्रयागराज में दिनदहाड़े हुए उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है. 1300 किमी का ये सफर करीब 21-22 घंटे का रहने वाला है. सोमवार सुबह 7 बजे अतीक का काफिला मध्य प्रदेश के शिवपुरी से यूपी बॉर्डर की ओर बढ़ गया. इस दौरान अतीक अहमद को एक-एक मिनट भारी लग रहा है.


अतीक को विकास दुबे की तरह से एनकाउंटर का डर सता रहा है. साबरमती जेल से जब अतीक निकला तो उसके मुंह से इस डर का इजहार भी हुआ. जेल से निकलते ही अतीक अहमद हत्या.. हत्या, चिल्लाया. जब उससे पूछा गया तो उसने बताया कि मुझे इनका प्रोग्राम मालूम है. ये (यूपी पुलिस) मेरा एनकाउंटर करना चाहते हैं.


अतीक अहमद को मंगलवार (28 मार्च) को प्रयागराज की एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश किया जाना है. यहां अपहरण के एक मामले में अतीक की सजा पर फैसला होना है. इस दौरान अतीक अहमद को प्रगागराज की जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में आइसोलेशन में रखने की तैयारी हो चुकी है. प्रयागराज पहुंचने के बाद सवाल ये भी उठ रहा है कि पेशी के बाद अतीक अहमद को वापस गुजरात भेजा जाएगा या फिर यहीं रखा जाएगा. 


क्या हैं कानूनी विकल्प? 


एबीपी न्यूज से सुप्रीम कोर्ट की वकील राखी ने बताया कि ट्रायल के कई चरण होते हैं. इसमें कई बार आरोपी का कोर्ट में होना जरूरी है. इसके साथ ही सजा सुनाए जाने के समय कोर्ट में दोषी का पेश करना जरूरी है. ऐसे में अगर दूसरी कोर्ट ने आर्डर पास किया है पेश करने का तो पुलिस को उसे मानना ही होगा.


चूंकि अतीक अहमद के खिलाफ कई मुकदमे अलग-अलग अदालतों में चल रहे हैं. ऐसे में एक सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या अतीक अहमद को दूसरी कोर्ट में भी पेशी के लिए भेजा जा सकता है? इस बारे में कानूनी विकल्प क्या कहते हैं.


कोर्ट का आदेश मानना पुलिस की जिम्मेदारी


पूर्व आईपीएस एलएन राव ने एबीपी न्यूज को बताया कि कोर्ट के आदेश का पालन करना पुलिस की जिम्मेदारी है. अभी कोर्ट के आदेश पर पुलिस अतीक अहमद को लेकर प्रयागराज आ रही है. जब किसी दूसरी कोर्ट का आदेश आएगा तो जेल के अधिकारियों को इसका पालन करने को कहा जाएगा. इसके बाद पेश करने की जिम्मेदारी फिर से यूपी पुलिस के ऊपर आएगी. 


अतीक को रोड से क्यों लाया गया ?


पूर्व आईपीएस एलएन राव ने बताया कि रोड के बजाय किसी दूसरे माध्यम जैसे फ्लाइट से लाने के लिए पुलिस को कोर्ट में आवेदन देना होता है. इसमें यह बताया जाता है कि आरोपी को रोड से ले जाने में समस्या है, इसलिए उसे फ्लाइट से ले जाने की अनुमति दी जाए. राव ने बताया कि इसमें एक दिक्कत आती है. उन्होंने एक आतंकवादी से अमेरिका से भारत लाए जाने के वाकये का जिक्र करते हुए बताया कि जब मैं आतंकवादी को लेकर एयरपोर्ट पर पहुंचा तो हथकड़ी के साथ उसे अंदर लाने की अनुमति नहीं दी गई. हथकड़ी को हथियार माना जाता है और फ्लाइट में किसी तरह का हथियार लेकर चलने की अनुमति नहीं होती है. 


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