सावधान! ATM कार्ड का इस्तेमाल करते वक्त रहें होशियार, हो सकती है कार्ड की क्लोनिंग
गिरफ्तार आरोपियों ने अबतक एक हजार से ज्यादा ग्राहकों के एटीएम कार्ड का डेटा चुराकर क्लोन बनाया है और उन क्लोन कार्ड का इस्तेमाल कर उनके बैंक अकाउंट से करोड़ों रूपए चुराए हैं.
मुंबई: अगर आप अपना एटीएम कार्ड इस्तेमाल करते वक्त सावधानियां नहीं बरतते हैं तो सावधान हो जाइए. मुंबई क्राइम ब्रांच ने कार्ड की क्लोनिंग करके लोगों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. गिरोह में शामिल लोग होटल, शॉपिंग सेंटर और आइसक्रीम पार्लर में काम करते थे और मौका पाते ही ग्राहक के एटीएम कार्ड की जानकारी चुराकर उनका बैंक बैलेंस खाली कर देते थे.
एक हजार से ज्यादा लोगों को लगाया चूना
पुलिस की माने तो गिरफ्तार आरोपियों ने अबतक एक हजार से ज्यादा ग्राहकों के एटीएम कार्ड का डेटा चुराकर क्लोन बनाया है और उन क्लोन कार्ड का इस्तेमाल कर उनके बैंक अकाउंट से करोड़ों रूपए चुराए हैं. क्राइम ब्रांच के डीसीपी अकबर पठान ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि एक गिरोह है, जो ग्राहकों के कार्ड क्लोनिंग का काम करता है.
इस घटना के सामने आने के बाद क्राइम ब्रांच की यूनिट 9 की टीम ने अंधेरी इलाके में रेड करके तीन आरोपियों को हिरासत में लिया और उनके पास से कुछ स्किमर बरामद किए. जांच आगे बढ़ी तो क्राइम ब्रांच को पूरे गैंग के बारे में पता चला.
पठान ने बताया कि हमें इनके तीन ठिकानों का पता चला है, जहां पर ये लोग ग्राहकों के कार्ड क्लोनिंग का काम करते थे. पहला ठिकाना अंधेरी का एक रेस्ट्रोरेंट, दूसरा ठिकाना मालाड का एक शॉपिंग सेंटर और तीसरा ठिकाना पुणे के एक आइसक्रीम पार्लर है.
कैसे चुराते हैं डेटा?
पठान ने बताया कि इस गैंग के लीडर का नाम मोहम्मद फ़ैज़ चौधरी है. यह होटल, शॉपिंग सेंटर में जाकर मैनेजर को मनाता था और उन्हें एक कार्ड की जानकारी देने के एवज में 500 रुपये का ऑफर देता था और जो मैनेजर तैयार हो जाता था, उसे फ़ैज़ एक क्लोनिंग मशीन दे देता था. ग्राहक बिल भरने के लिए जो कार्ड इस्तेमाल करता था, मैनेजर उसे क्लोनिंग मशीन में स्वाइप करके कार्ड का पिन और बाकी जरूरी जानकारी देख लेता था.
मैनेजर फिर उस क्लोनिंग कार्ड को फ़ैज़ को दे देता था और इसके बाद फ़ैज़ उस कार्ड का डेटा लैपटॉप के माध्यम से मैग्नेटिक कार्ड राइटर की मदद से ब्लैंक एटीएम कार्ड में फीड कर देता था और दूसरे जिलों में जाकर पैसे विड्रॉ करता था. एक क्लोनिंग मशीन 50 से 60 कार्ड का डेता स्टोर करने की कैपेसिटी रखती है.
कौन है आरोपी फ़ैज़?
फ़ैज़ ने सिर्फ 10 वी तक कि पढ़ाई की है. इससे पहले वह कार्ड क्लोनिंग के गैंग का एक सदस्य था. जहां पर उसने कार्ड क्लोनिंग करना सीखा. वह दो बार जेल जाकर भी आ चुका है. इसके बाद उसने अपना खुद का गैंग बनाया और कार्ड क्लोनिंग कर करोड़ों रुपए कमाए.
यह भी पढ़ें- दक्षिण भारत वाले बयान पर स्मृति ईरानी ने कहा- राहुल गांधी को उत्तर भारत के लोग खोखले लगते हैं