नई दिल्ली: भारत और चीन में तनातनी के बीच चीन की मीडिया के हवाले से खबर है कि जर्मनी के हैंबर्ग में जी-20 सम्मेलन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात की उम्मीदें कम हैं. चीनी मीडिया के मुताबिक चीन के विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने मौजूदा वक़्त को द्विपक्षिय मुलाकात के लिए सही मौका करार नहीं दिया है.


चीन के विदेश मंत्रालय के बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने भी भारत का रुख स्पष्ट किया है. सूत्रों के मुताबिक भारतीय विदेश मंत्रालय के एक आला अधिकारी ने कहा कि भारत ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के लिए नहीं कहा था. इसलिए बातचीत के लिए खुशगवार माहौल की बात बेमानी है.


आपको बता दें कि भारत और चीन में इस वक़्त बीते 19 दिन से भूटान की सीमार पर सिक्कम के डोकलाम इलाके को लेकर खींचतान चल रही है. दरअसल, डोकलाम भारत का हिस्सा है, लेकिन चीन हठधर्मिता से इसे अपना बताकर वहां सड़क निर्माण कर रहा है.


दूसरी ओर चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत को चुनौती दी है कि अगर हालात नहीं सुधरे तो चीन अपने नागरिकों को भारत नहीं जाने को कह सकता है. चीन ने अपनी कंपनियों को भारत में निवेश कम करने को भी कहा है.


चीन का कहना है कि भारत दुनिया को ये कह कर गुमराह कर रहा है कि चीन सिक्किम के पास सड़क बना रहा है. भारत अंतर्राष्ट्रीय नियमों को तोड़कर दूसरे देश की हद में अपने सैनिक भेज रहा है. भारत 1954 के पंचशील समझौते का उल्लंघन कर रहा है. अगर भारत शांति चाहता है तो वो डोंगलांग से अपनी सेना हटाए.


भारत पर चीन के विदेश मंत्रालय का ये बयान बता रहा है कि दोनों देशों के बीच ताजा विवाद कम होने की बजाए लगातार बढ़ रहा है. चीन का कहना है कि भारत के उकसावे से चीन की जनता भी गुस्से में है. भारतीय जवानों को शराफत के साथ सिक्किम सेक्टर के डोंगलांग से पीछे हट जाना चाहिए. ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें वहां से खदेड़ दिया जाएगा.


विवाद क्या है?


विवाद शुरू हुआ जब भूटान के पास एक पहाड़ी इलाके में चीन ने सड़क बनानी शुरू की. इस पहाड़ी इलाके को चीन डोंगलांग, भूटान डोकला और भारत डोकलाम कहता है. भारत, भूटान और चीन के बीच इस इलाके में चीन सड़कों का जाल बिछाना चाहता है. चीन सड़क बनाकर कोई विकास नहीं बल्कि युद्ध के हालातों में अपने ठिकाने बना रहा है.
भूटान ने भारत से चीनी सड़क की शिकायत की तो भारत ने कड़ा एतराज जताया. जिसके बाद चीन ने आरोप लगा दिया कि भारतीय सैनिकों ने घुसैपठ की है. अब चीन धमकी दे रहा है कि अगर सैनिक वापस नहीं बुलाए तो हालात युद्ध के करीब जाएंगे.