इस्लामाबाद: देश सेवा करने वाला पहला टीवी न्यूज शो मातृभूमि लेकर हाजिर हूं मैं शोभना यादव। आज हम मातृभूमि में नागरिकता संशोधन बिल यानि उस बिल की बात करेंगे जिसको लेकर बवाल मचा हुआ है.. आज हम आपको उस सवाल का जवाब देंगे जो ये पूछ रहा है कि बिल को लाने की जरूरत क्या है.. बिल की जरूरत को हम सिर्फ शब्दों से नहीं समझाएंगे बल्कि आपको तस्वीरों की मदद से बताएंगे कि ये बिल कुछ लोगों को जीने का अधिकार दिलाएगा.. ये बिल उन गैर मुस्लिमों को नई जिंदगी देगा जिनके साथ धर्म के आधार पर पड़ोसी मुल्कों में अन्याय किया जाता रहा है.
नई दिल्ली: पाकिस्तान में हिन्दुओं के खिलाफ जहर उगला जा रहा है. वहां के कुछ मौलाना हिन्दुओं के प्रति लोगों को भड़का रहे हैं और ऐसे हिन्दुओं के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसका यहां जिक्र भी नहीं किया जा सकता है. मौलानाओं के ऐसे बयानों से पाकिस्तान में रह रहे हिन्दुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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इन बयानों के बाद पाकिस्तान में मंदिरों को तोड़कर हिन्दुओं की आस्था और उनकी आत्मा पर हमला किया जाता है. हिन्दुओं पर इस तरह के जुल्म ढाए जाते हैं कि जिसे देखकर इंसानियत शर्मसार हो जाए. ऐसा ही एक मामला हाल ही में पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोतकी में सामने आया. यहां एक हिन्दू प्रिंसिपल पर ईशनिंदा का आरोप लगाकर कट्टरपंथियों ने स्कूल और मंदिर पर धावा बोल दिया. इस दौरान पुलिस मौके पर मौजूद थी, लेकिन मूकदर्शक बन सिर्फ तमाशा देखती रही.
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पाकिस्तान में इन हिंसाओं से बचने का हिन्दुओं के पास एक ही विकल्प है कि वह इस्लाम कबूल कर लें और जो हिन्दू ऐसा नहीं कर पाते हैं उनके पास पाकिस्तान छोड़कर जाने के सिवाय और कोई विकल्प नहीं बचता. आंकड़ों के मुताबिक आजादी के वक्त पाकिस्तान में 23 फीसदी हिन्दू थे जिनकी संख्या अब घटकर सिर्फ 1.6 फीसदी रह गई है.
पाकिस्तान और बांग्लादेश से परेशान होकर हिन्दू धर्म के लोग भारत आते हैं. हाल ही में बांग्लादेश में सोशल मीडिया पर एक भड़काऊ पोस्ट के बाद हिन्दुओं के 30 घरों को जला दिया गया था. इसके अलावा एक अन्य मामले में यहां मुस्लिमों की हिंसक भीड़ ने हिंदुओं के मंदिर में तोड़फोड़ की और सबकुछ तहस नहस कर दिया. भगवान की मूर्तियां तोड़ दी गईं. पुलिस ने दो मामले दर्ज किए और हर मामले में एक हजार से अधिक आरोपी बनाए गए लेकिन पुलिस सिर्फ 9 लोगों को गिरफ्तार कर पाई.
ऐसे ही जुल्म से बचने के लिए बांग्लादेश से हिन्दू भागकर भारत आते हैं. मोदी सरकार नए बिल के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिन्दू शरणार्थियों को नई जिंदगी देना चाहती है. इस बात का संदेश प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में सरकार बनाने से पहले ही दे दिया था.
इन्हीं शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन विधेयक लाया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि ये शरणार्थी मां भारती के ही बच्चे हैं जो अपनी मां के आंचल में थोड़ी सी जगह मांग रहे हैं. कैबिनेट ने नागरिकता संशोधन बिल को बुधवार को पास कर दिया है. अब इसे संसद से पास किया जाना बाकी है.
बिल का उदेश्य
इस विधेयक का उद्देश्य पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए वहां के अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता देना है
इन शरणार्थियों में हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी शामिल हैं
ये वो लोग हैं जो धार्मिक कारणों से इन तीन देशों से भारत आए हुए हैं
अगर इन लोगों ने 6 साल भारत में गुजार लिये हैं तो बिना उचित दस्तावेज के भी इन्हें भारत का नागरिक माना जाएगा
पाकिस्तान में हिन्दुओं के जबरन धर्मांतरण का मुद्दा कई बार सामने आ चुका है. यहां के हिन्दू बेटियों की शादी जबरदस्ती मुस्लिमों से कराई जाती है. सिंध प्रांत में हर महीने 83 लड़कियों के धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है.