महाराष्ट्र: एटीएस ने मुंबई में चल रहे फर्जी पासपोर्ट बनाने वाले रैकेट का पर्दा फाश किया है. इस मामले में कुल 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया जिसमें 4 बांग्लादेशी नागरिक तो 4 भारतीय है. एटीएस के डीआईजी शिवदीप लांडे को जानकारी मिली थी कि अकरम शेख नाम का आरोपी है जो की बांग्लादेशियों को फर्जी भारतीय पार्सपोर्ट बनाने में मदद करता है. साथ ही यह भी पता चला कि अकरम खुद एक बांग्लादेशी नागरिक है जो गैरकानूनी तौर से भारत में रह रहा है.
फर्जी पासपोर्ट बनाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का करता था इस्तेमाल
इसके बाद एटीएस ने ट्रैप लगाकर अकरम को शिवड़ी इलाके से गिरफ्तार किया. पूछताछ के बाद पुलिस ने 42 वर्षीय मोहम्मद रफीक सय्यद, नामक आरोपी को मुम्ब्रा से गिरफ्तार किया. जो कि 2013 से ही बांग्लादेशियों के लिए फर्जी पासपोर्ट बनाता था. पूछताछ में यह पता चला है कि यह फर्जी पासपोर्ट बनाने के लिए फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट, पैन कार्ड, राशन कार्ड, आधारकार्ड, इलेक्शन आईडी का इस्तेमाल करता था.
पुलिस ने इसी मामले 57 वर्षीय इदरीस मोहम्मद शेख, 57 को मुम्ब्रा कौसा से गिरफ्तार किया वो फर्जी स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट, बर्थ सर्टिफिकेट बनाता था. जांच आगे बढ़ी तो पता चला अविन केदारे, 35 वर्ष जो कि एंटोप हिल से गिरफ्तार किया गया. वह इदरीस को फर्जी डॉक्यूमेंट बनाने के लिए फर्जी स्कूल के स्टैम्प बनाकर देता था. पुलिस ने आगे चलकर 43 वर्षीय नितिन निकम को नई मुंबई से गिरफ्तार किया यह फर्जी बैंक पासबुक और इलेक्शन कार्ड बनाने में मदद करता था.
85 बांग्लादेशियों को फेक पासपोर्ट बनवाने में की मदद
जांच में ये भी पता चला कि अकरम खान, 42 वर्ष, अब्दुल हासम, 26 वर्ष जो कि बांग्लादेशी हैं और भारत मे गलत तरह से रह रहे हैं. जांच में यह भी समझ आया कि इन लोगों ने अब तक 85 बांग्लादेशियों को फेक पासपोर्ट बनवाने में मदद की है. पुलिस को जांच में यह भी पता चला कि ये आरोपी एक भारतीय पासपोर्ट बनाने के लिए 70 हजार से 1 लाख रुपये की मांग करते थे. इस पूरे मामले में एक पुलिस कर्मचारी का भी हाथ होने की आशंका जतायी जा रही है.
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