नोएडा: ग्रेटर नोएडा में नाइजारियाई छात्रों से मारपीट के मामले में पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य 4 आरोपियों की तलाश जारी है. इस मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से बात की है.
दरअसल, मामला ये है कि रविवार से ही ग्रेटर नोएडा में एक छात्र की मौत को लेकर बवाल मचा हुआ. मृतक के परिवार वालों ने अपने बेटे की मौत के लिए नाइजारियाई छात्रों को जिम्मेदार ठहराया और इसके बाद उग्र लोगों ने नाइजारियाई छात्रों की पिटाई कर दी.
पहले ये दावा किया गया कि ड्रग्स की ओवरडोज से ग्रेटर नोएडा के रहने वाले छात्र की मौत हुई, लेकिन पोस्टमार्टम से ये साफ नहीं हुआ है कि ड्रग्स ओवरडोज़ से ही छात्र की मौत हुई है.
भारत में रह रहे नाइजारियाई इस मुद्दे को जोर शोर से उठा रहे हैं. इस हमले को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से बात की है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सुषमा स्वराज को इस मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करवाने का आश्वासन दिया है.
क्या है मामला?
ग्रेटर नोएडा में कथित ड्रग्स की ओवरडोज से हुई एक मौत की शक में बड़ा बवाल मचा हुआ है. स्कूल में पढने वाला छात्र मनीष खारी 3 दिन पहले सुबह अपने घर के पास बेसुध मिला था. कुछ घंटे के बाद एक प्राइवेट अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी. मनीष ग्रेटर नोएडा के कासना इलाके की एनएसजी सोसायटी में रहता था. आरोप है कि सोसायटी में ही रहने वाले कुछ नाइजीरियाई लड़कों ने उसे अगवा कर जबरन ड्रग्स दी और पुलिस पर भी आरोप है कि नामजद पांचों नाइजीरियाई लोगों को छोड़ दिया गया.
परिजन जहां नाईजीरियाई आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हैं, वहीं हिंसक प्रदर्शन के दौरान कुछ नाईजीरियाई नागरिकों पर हमला भी हुआ है. पहले परिजनों ने कार्रवाई के लिए पुलिस का घेराव किया. सोमवार शाम को परी चौक पर इंसाफ की मांग पर बड़ा कैंडिल मार्च निकला और फिर उसके बाद बात बिगड़ गई.
इस बीच ग्रेटर नोएडा में नाइजीरियन पर हुए हमले के मामले में पुलिस ने कल रात 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में 9 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. 4 और लोगों की तलाश की जा रही है.
कथित तौर पर गुस्साई भीड़ ने कुछ कारों में तोड़फोड़ के बाद एक नाइजीरियाई युवक पर हमला कर दिया, जिसे बमुश्किल बचाया जा सका. बाद में दो नाइजीरियाई छात्रों को पीटे जाने की भी खबर आई. इसके बाद पुलिस ने मोर्चा संभाला और उपद्रव पर उतारू लोगों को अलग-थलग किया.