नई दिल्ली: गुजरात में उत्तर भारतीयों से हिंसा के बाद वहां से मजदूरों का पलायन जारी है. बीजेपी और कांग्रेस हिंसा के लिए एक दूसरे पर आरोप लगा रही है, वहीं अहमदाबाद में प्रशासन ने फैक्ट्रियों के आसपास पुलिस बल को तैनात कर दिया है. पुलिस फ्लैग मार्च कर राज्य में रह रहे उत्तर भारतीयों को सुरक्षा का आश्वासन दे रही है. पुलिस और प्रशासन ने सड़कों पर उतरकर लोगों से वापस ना जाने की अपील की है. वहीं इस पूरे मामले में बीजेपी के निशाने पर आए कल्पेश ठाकोर की ठाकोर सेना भी उत्तर भारतीयों से वहीं रुकने की अपील करती दिखी.


हिंसा में अब तक 431 लोग गिरफ्तार
उत्तर भारतीयों पर हमले और डराने के मामले में अब तक 431 को लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही कुल 57 मामले दर्ज किए गए हैं. जिन जिलों में सबसे ज्यादा केस दर्ज हुए उनमें महेसाणा में 17, साबरकांठा जिले में 11 और अहमदाबाद में 12 केस दर्ज हुए हैं. कल मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा था कि पुलिस ने स्थिति पर काबू पा लिया है. बिहार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी विजय रूपाणी से बात की थी.


अल्पेश ठाकोर का वीडियो वायरल, बैकफुट पर कांग्रेस
अल्पेश ठाकोर का वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस बैकफुट पर है. वीडियो में साफ दिखाई और सुनाई पड़ रहा है कि अल्पेश उत्तर भारतीयों पर निशाना साध रहे हैं. वीडियो में अल्पेश कह रहे हैं, ''मैंने सवाल किया कि डिप्लोमा इंजीनियर और सारी काबीलियत हममें है. मजदूरी मांगने गए तो कहा आप लोग नहीं कर पाएंगे हम बाहर से आदमी लाएंगे.''


वीडियो पर अल्पेश ठाकोर की सफाई
वीडियो सामने आने के बाद अल्पेश ठाकोर ने सफाई दी है. कांग्रेस विधायक ने कहा, ''मैंने कभी भी किसी उत्तर भारतीय को गुजरात से बाहर निकालने की बात नहीं की. मैनें सिर्फ पीड़ित बच्ची को न्याय दिलवाने की बात की है. मैं अब छोटा नेता नहीं हूं, मैं बड़ा बन चुका हूं. मैं बिहार में कांग्रेस का सह-प्रभारी हूं. ऐसे में मैं बिहारियों को निकालने की बात कैसे कर सकता हूं?''


बीजेपी ने अल्पेश ठाकोर के वीडियो पर उठाए सवाल
वहीं बीजेपी सवाल उठा रही है कि आखिर अल्पेश के विधानसभा क्षेत्र में ही हिंसा क्यों भड़की? डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने भी कहा कि अल्पेश ठाकोर ने भड़काऊ भाषण दिए हैं और राज्य में फैक्ट्री बंद करवाने के पीछे उनका हाथ है. इसके अलावा वो अपने वीडियो में लोगों को उत्तर भारतीयों समेत दूसरे प्रांत के लोगों के खिलाफ गुजरात के लोगों को भड़काते साफ दिख रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को ये बताना चाहिए कि वो हिंसा फैलाने वाले शख्स को प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर ऊपर रखना चाहते हैं या नहीं.


क्यों हो रहे हैं परप्रांतियों पर हमले?
गुजरात में रह रहे उत्तर भारतीयों और वहां के स्थानीय लोगों के बीच 28 सितंबर की एक घटना तनाव की वजह बनी. साबरकांठा में 28 सितंबर को 14 महीने बच्ची के बलात्कार का मामला सामने आया. इस मामले में बिहार के एक मजदूर को गिरफ्तार किया गया. घटना के बाद से उत्तर भारतीयों के खिलाफ नफरत वाले मैसेज वायरल होने लगे. इसके बाद उत्तर भारतीयों पर हमले शुरू हो गए. गांधीनगर, मेहसाणा, साबरकांठा, पाटन और अहमदाबाद में हमले हुए. इसके बाद कई उत्तर भारतीय मजदूरों ने गुजरात से पलायन करना शुरु कर दिया.