बॉलीवुड स्टार सनी देओल ने चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की है. एक इंटरव्यू में सनी ने कहा है कि मैं क्षेत्र के लोगों और संसद को समय नहीं दे पा रहा हूं, इसलिए अब भविष्य में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. सनी पंजाब के गुरदासपुर से बीजेपी के सांसद हैं.


सनी के बयान ने सियासत से लेकर सोशल मीडिया तक में हलचल मचा दी है. सोशल मीडिया यूजर्स राजनीतिक दलों को बॉलीवुड स्टार्स को तवज्जों देने के लिए निशाने पर ले रहे हैं. यूजर्स का कहना है कि जब जनता के लिए बॉलीवुड स्टार्स के पास समय नहीं है, तो उसे चुनाव में क्यों उतार दिया जाता है?


सनी हाल ही में संसद में भाग नहीं लेने को लेकर भी सुर्खियों में थे. मानसून सत्र में सनी की उपस्थिति ना के बराबर रही. सनी मानसून सत्र के दौरान गदर-2 फिल्म का प्रचार कर रहे थे. अविश्वास प्रस्ताव जैसे अहम मौके पर भी सनी सदन से गायब थे, जबकि उनकी पार्टी ने व्हिप जारी कर रखा था. 


सनी पहले फिल्मी स्टार्स नहीं हैं, जो सदन और सड़क से गायब रहने को लेकर चर्चा में हैं. कांग्रेस सरकार के दौरान रेखा की भी काफी आलोचना हुई थी. वर्तमान में भी कई ऐसे सांसद हैं, जिनकी संसद में परफॉर्मेंस की रिपोर्ट काफी खराब है.


इस स्टोरी में फिल्म इंडस्ट्री से राजनीति में आए नेताओं की परफॉर्मेंस रिपोर्ट विस्तार से जानिए...


1. सनी देओल- संसदीय प्रणाली पर रिसर्च करने वाली संस्था पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक 2019 से अब तक संसद में सनी की उपस्थिति सिर्फ 18 प्रतिशत है. बजट सत्र 2023 को छोड़ दिया जाए, तो सनी 2021 से संसद के किसी भी कार्यवाही में शामिल नहीं हुए. 


पंजाब के सांसदों की औसत उपस्थिति 70 प्रतिशत है. सनी अब तक संसद के एक भी डिबेट में शामिल नहीं हुए हैं. इतना ही नहीं, पिछले साढ़े चार साल में सनी ने संसद में सिर्फ एक सवाल पूछा है. 2020 में सनी ने अवैध रेत खनन को लेकर सवाल पूछा था. 


2019 में सनी ने गुरदासपुर सीट से कांग्रेस के सुनील जाखड़ को चुनाव हराया था. देओल को 5 लाख 58 हजार वोट मिले थे, जबकि जाखड़ को 4 लाख 76 हजार वोट. जाखड़ अब भारतीय जनता पार्टी में हैं और पंजाब संगठन की कमान संभाल रहे हैं.


सनी देओल मां हेमा मालिनी भी मथुरा से बीजेपी सांसद हैं. संसद में हेमा का परफॉर्मेंस लगभग ठीक है. हेमा की उपस्थिति 59 प्रतिशत के आसपास है. हेमा ने अब तक कुल 17 डिबेट में हिस्सेदारी ली है. हाल के मानसून सत्र में उनकी उपस्थिति 65 के करीब था.


2. मिमी चक्रवर्ती- जाधवपुर की तृणमूल सांसद मिमी चक्रवर्ती भी फिल्मी दुनिया से राजनीति में आई हैं. 2019 में उन्हें ममता बनर्जी ने पार्टी की पारंपरिक जाधवरपुर से टिकट दिया था. मिमी उनके उम्मीदों पर खरी भी उतरीं और करीब 3 लाख वोटों से जीत हासिल की.


लेकिन संसद में मिमी की परफॉर्मेंस रिपोर्ट काफी खराब है. पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च की मानें तो 2019 से अब तक संसद में मिमी की उपस्थिति 21 प्रतिशत के आसपास है. हाल के मानसून सत्र में मिमी एक भी दिन सदन नहीं आई, जिस पर काफी सवाल भी उठे. 


पश्चिम बंगाल के सांसदों की औसत उपस्थिति 66 फीसदी है. पिछले साढ़े चार साल में संसद के 7 डिबेट में मिमी की भागीदारी रही है. मिमी ने 161 अतारांकित सवाल भी संसद में पूछे हैं.


3. नुसरत जहां- मिमी के साथ बांग्ला फिल्म अभिनेत्री नुसरत ने भी राजनीति में एंट्री की थी. उन्हें ममता बनर्जी ने उत्तर-24 परगना के बशीरहट से उम्मीदवार बनाया था. नुसरत ने अपने करीबी प्रतिद्वंदी बीजेपी कैंडिडेट शांयतनु बसु को 3.50 लाख वोटों से हराया.


नुसरत को 54 प्रतिशत से अधिक वोट मिले, जो बशीरहट में रिकॉर्ड था. हालांकि, संसद में नुसरत की परफॉर्मेंस रिपोर्ट काफी खराब है. नुसरत की उपस्थिति संसद में अब तक 23 प्रतिशत ही है. वहीं आखिरी बार नुसरत ने दिसंबर 2022 में स्पेशल मेंशन के एक डिबेट में भाग ली थी. 


2019 से अब तक नुसरत कुल 11 बहसों में ही भाग ली हैं. नुसरत और मिमी के मुकाबले उन्हीं की पार्टी के एक अन्य महिला सासंद महुआ मित्रा की संसद रिपोर्ट काफी बेहतरीन है. संसद में महुआ की उपस्थिति 85 प्रतिशत है, जो सांसदों के औसत उपस्थिति से 6 फीसदी अधिक है. 


महुआ अब तक 35 डिबेट में शामिल हुई हैं. 2019 से अब तक 3 सत्र में महुआ की उपस्थिति 100 प्रतिशत रही हैं. महुआ नदिया के कृष्णानगर सीट से सांसद हैं.


4. हंस राज हंस- सूफी पंजाबी गायक हंस राज हंस साल 2019 में बीजेपी के जरिए राजनीति में कदम रखा. उन्हें बीजेपी ने उदित राज की जगह उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से उम्मीदवार बनाया. चुनाव में हंस राज ने आप के गगन रागा को 5.53 लाख के रिकॉर्ड वोटों से हराया. 


2019 से 2020 तक हंस राज खूब एक्टिव थे और संसद में भी खूब भागीदारी ले रहे थे, लेकिन 2021 के बाद उनके परफॉर्मेंस रिपोर्ट में गिरावट आई. पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक 2019 से अब तक हंस राज हंस की संसद में उपस्थिति 38 प्रतिशत ही है. जो कि दिल्ली सांसदों के औसतन उपस्थिति (80 प्रतिशत) से काफी कम है.


हंस राज की तरह ही फिल्म इंडस्ट्री से राजनीति में आए उत्तर-पूर्व दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी की संसद में उपस्थिति 83 प्रतिशत के आसपास है. बहस में भाग लेने और सवाल पूछने में भी हंस राज काफी पीछे हैं. हंस राज ने अब तक सिर्फ 3 डिबेट में भाग लिया है और एक तारांकित सवाल पूछे हैं.


5. किरण खेर- किरण खेर पिछले 10 साल से चंडीगढ़ लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. किरण खेर 2009 में बीजेपी में शामिल हुई थी. किरण बतौर अभिनेत्री पंजाबी, हिंदी और अंग्रेजी के कई फिल्मों में काम कर चुकी हैं. उनके पति अनुपम खेर भी मशहूर फिल्म अभिनेता हैं.


2014 और 2019 के चुनाव में किरण ने कांग्रेस के दिग्गज नेता पवन बंसल को चुनाव हराया. बंसल गांधी परिवार के काफी करीबी माने जाते हैं और वर्तमान में कांग्रेस के कोषाध्यक्ष हैं. 


संसद में किरण की परफॉर्मेंस रिपोर्ट भी काफी खराब है. पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के अनुसार किरण की उपस्थिति 45 प्रतिशत हैं, जो देश के सांसदों की औसत उपस्थिति 79 प्रतिशत से काफी कम है.


आखिरी बार किरण 2019 के एक डिबेट में शामिल हुई थीं. किरण कुल 7 बहसों में अब तक भाग ली हैं. हालांकि उनके बारे में खबर है कि वो बीमार थीं.


शत्रुघ्न, रवि और मनोज का रिकॉर्ड बेहतर
फिल्म इंडस्ट्री से राजनीति में आए शत्रुघ्न सिन्हा, रवि किशन और मनोज तिवारी की परफॉर्मेंस संसद में भी बेहतर है. शत्रुघ्न सिन्हा आसनसोल से तृणमूल के सांसद हैं, जबकि रवि किशन (गोरखपुर) और मनोज तिवारी (उत्तर -पूर्वी दिल्ली) से बीजेपी के सांसद हैं.


शत्रुघ्न की संसद में उपस्थिति में 66 प्रतिशत, रवि किशन की 67 प्रतिशत और मनोज तिवारी की 83 प्रतिशत है. रवि किशन 77 और मनोज तिवारी अब तक 35 डिबेट में भाग ले चुके हैं. 2022 में उपचुनाव जीतकर आए शत्रुघ्न ने अब तक एक भी डिबेट में भाग नहीं लिया है.


रवि किशन 444 और मनोज तिवारी 362 सवाल अब तक संसद में पूछ चुके हैं.