नई दिल्लीः एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने अभिनेत्री स्वरा भास्कर के खिलाफ अवमानना याचिका पर सहमति देने से मना कर दिया है. नियमों के तहत सुप्रीम कोर्ट में किसी के खिलाफ अवमानना का मुकदमा एटॉर्नी जनरल या सॉलिसीटर जनरल की सहमति से ही शुरू हो सकता है.


वकील अनुज सक्सेना ने अयोध्या फैसले पर स्वरा की टिप्पणी को आधार बनाते हुए मुकदमे की अनुमति मांगी थी. स्वरा ने कहा था कि लगता है कि हमारे कोर्ट संविधान में अपने भरोसे को लेकर आश्वस्त नहीं हैं.


एटॉर्नी जनरल ने इस बयान को अवमानना की कार्रवाई शुरू करने लायक बयान नहीं माना है. याचिकाकर्ता ने अब सॉलिसीटर जनरल से अनुरोध करने की बात कही है.


दरअसल किसी व्यक्ति के खिलाफ कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट्स एक्ट, 1971 की धारा 15 के तहत अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल की मंजूरी के बाद ही अवमानना ​​कार्यवाही शुरू होती है. इसे देखते हुए अभिनेत्री स्वरा भास्कर के खिलाफ वकील अनुज सक्सेना ने अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने के लिए अटार्नी जनरल की सहमति मांगी थी.


बता दें कि स्वरा भास्कर ने फरवरी महीने में एक पैनल परिचर्चा के दौरान सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या फैसले पर टिप्पणी की थी. जिसके खिलाफ स्वरा भास्कर पर अवमानना के मुकदमे की अर्जी लगाई गई है.


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