अतुल सुभाष सुसाइड केस में सोमवार (30 दिसंबर, 2024) को सुनवाई हुई और बेंगलुरु कोर्ट ने निकिता सिंघानिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई 4 जनवरी तक के लिए टाल दी है. निकिता सिंघानिया ने इस आधार पर बेल की मांग की है कि उसका बच्चा छोटा है इसलिए उसकी देखभाल के लिए बेल मिलनी चाहिए. अतुल के परिवार ने कहा कि इसी बात का डर था कि निकिता बच्चे को औजार बनाएगी, जैसा कि अतुल ने भी मरने से पहले वीडियो और सुसाइड नोट में इस बात का जिक्र किया था. अतुल की मां ने भी पोते की कस्टडी के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की हुई है.


अतुल के परिवार के वकील आकाश जिंदल ने कहा कि निकिता को बच्चे की परवाह नहीं है और उन्होंने फरीदाबाद में बच्चे को कहीं रखा है. ये निकिता की लापरवाही को दिखाता है. वकील ने कहा कि निकिता जेल से बाहर आने के बाद बच्चे को लेकर फरार होने की कोशिश करेगी इसलिए कोर्ट से हमने मांग की है कि निकिता को न्यायिक कार्यवाही से बचने के लिए बच्चे को औजार की तरह इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. 


उन्होंने कहा कि निकिता को जब गिरफ्तार किया गया तो वह फरार थीं और जेल से बाहर आने के बाद वह फिर से फरार होने की कोशिश करेंगी. निकिता, उनकी मां और भाई तीनों जेल में हैं और बच्चे को उन लोगों ने कहां रखा है इसकी कोई जानकारी नहीं है. आकाश जिंदल ने कहा कि निकिता ने पुलिस के पूछने पर नहीं बताया कि बच्चे को उन्होंने कहां पर रखा है. 


कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सुनवाई 4 जनवरी के लिए टाल दी है. अब निकिता की बेल का फैसला 4 जनवरी को होगा. इस बीच अतुल के पिता पवन मोदी ने कहा है कि वह निकिता और उनके परिवार को जेल से बाहर नहीं आने देंगे. उन्होंन कहा, 'वो लेग चाहे कुछ भी कर लें. हमारी कोशिश रहेगी कि तीनों आरोपियों को बेल न मिले. हम आगे के लिए सबूतों के साथ पूरी तरह तैयार हैं.'


 


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