पत्नी पर प्रताड़ना का आरोप लगा कर आत्महत्या करने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष की मां की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (7 जनवरी, 2025) को सुनवाई हुई. अतुल की मां अंजू देवी ने पोते की कस्टडी मांगी है. हालांकि, कोर्ट ने इस मांग को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखाई. कोर्ट ने कहा कि बच्चा अपनी मां के पास है. सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार और अतुल की पत्नी से बच्चे की स्थिति पर हलफनामा मांगा है. 20 जनवरी को मामले पर अगली सुनवाई होगी.
इससे पहले 20 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बी वी नागरत्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने अंजू देवी मोदी की याचिका पर हरियाणा, यूपी और कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया था. अंजू देवी ने याचिका में कहा था कि निकिता के जेल जाने के बाद से उन्हें उनके पोते के बारे में कुछ जानकारी नहीं है. बच्चे का पता लगा कर उसे उन्हें सौंप दिया जाए.
इस बीच अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया को बेंगलुरु कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में निकिता के वकील ने बताया कि अब बच्चा निकिता के पास है. शनिवार को जमानत मिलने के बाद वह बच्चे को फरीदाबाद के स्कूल से अपने पास ले आई है. निकिता को हर शनिवार को जांच अधिकारी के सामने पेश होना होता है इसलिए, वह बच्चे को लेकर बेंगलुरु जाएगी. वहीं के स्कूल में बच्चे का एडमिशन कराएगी.
अतुल की मां अंजू देवी की याचिका में कहा गया है कि निकिता और उसके परिवार ने अतुल को झूठे केस में फंसाकर पैसे के लिए परेशान किया. इसके चलते उसे सुसाइड करना पड़ा था अब निकिता के साथ अतुल सुभाष का 4 साल का बेटा सुरक्षित नहीं है.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने इस याचिका पर इसलिए नोटिस जारी किया था कि मां हिरासत में थी. अब जब वह बाहर आ चुकी है, तो बच्चे का पता लगाने के लिए दाखिल हैबियस कॉर्पस याचिका पर सुनवाई का मतलब नहीं है. वैसे भी बच्चा अपनी दादी से संपर्क में नहीं है. दादी उसके लिए अजनबी है.
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