Atul Subhash Case: बेंगलुरू में रहकर काम करने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी और उनकी अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया, उनकी सास और साले को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने निकिता को गुरुग्राम, सास और साले को प्रयागराज से अरेस्ट किया. फिलहाल इन तीनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.


बेंगलुरु पुलिस ने अतुल सुभाष के वीडियो और सुसाइड नोट के आधार पर निकिता और उसके परिवार के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 3 (5) के तहत मामला दर्ज किया था.


मामला तूल पकड़ते देख निकिता के घरवाले घर छोड़कर भाग गए थे. इस दौरान पुलिस ने इनके घर के बाहर कई नोटिस भी चस्पा किए. पुलिस ने शुक्रवार को निकिता को समन जारी कर तीन दिन में पेश होने के लिए कहा था. वहीं, निकिता और उसके घरवालों ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका डाली थी.


दोषी साबित होने पर कितनी मिलेगी सजा?


पुलिस ने दो धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. एक है बीएनएस की धारा 108 और दूसरी है 3 (5). धारा 3 (5) के मुताबिक, जब कई लोग एक साथ मिलकर एक ही इरादे से कोई अपराध करते हैं तो उसमें सभी की बराबर की जिम्मेदारी होती है. दूसरी धारा 108 है जो आत्महत्या करने के लिए उकसाने के लिए लगाई है. इस मामले में अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसे कम से कम 10 साल की जेल और जुर्माना भी लगाया जाता है.


अपराध कैसे साबित होगा?


अतुल ने तो वीडियो और सुसाइड नोट में पत्नी निकिता और ससुराल वालों को जिम्मेदार ठहराया है और केस भी इसी आधार पर दर्ज किया गया. हालांकि अदालत में अतुल के परिवार वालों को ये साबित करना होगा कि निकिता और उसके घरवालों ने अतुल को प्रताड़ित किया और आत्महत्या करने के लिए उकसाया, जिसके बाद उसने ऐसा कदम उठाया.  


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