अतुल सुभाष आत्महत्या केस: निकिता सिंघानिया ने कर दी थी क्या गलती, जिससे पुलिस के हत्थे चढ़ी आरोपियों की तिकड़ी?
Atul Subhash: आरोपी लुकाछिपी का खेल खेल रहे थे, लेकिन बेंगलुरु पुलिस ने अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया को गुरुग्राम और उसकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग को प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया.
Atul Subhash Case: बेंगलुरु में एआई इंजीनियर रहे अतुल सुभाष सुसाइड के मामले में बेंगलुरू पुलिस ने उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया को रविवार (15 दिसंबर, 2024) की सुबह गिरफ्तार कर लिया है. जिसकी गिरफ्तारी हरियाणा के गुरुग्राम के सेक्टर 57 स्थित ब्लॉसम स्टेज पीजी से हुई है, लेकिन इतने दिनों से फरार चल रही अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया ने वो कौन सी गलती की थी, जिससे वो पुलिस के हत्थे चढ़ गई.
अतुल सुभाष सुसाइड केस में आरोपी लुकाछिपी का खेल खेल रहे थे, लेकिन बेंगलुरु पुलिस ने अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया को गुरुग्राम और उसकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग को प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में बेंगलुरु के मारथली थाने के सब इंस्पेक्टर और केस के अधिकाियों की तीन लोगों की टीम निकिता सिंघानिया के घर जौनपुर में कागजी कार्रवाई कर रही थी. पुलिस की टीम जौनपुर कोर्ट में चल रहे केस के डॉक्यूमेंट इकट्ठा कर रही थी, जबकि दूसरी टीम निकिता सिंघानिया की तलाश में जुटी थी और एक टीम उसकी मां और उसके भाई की तलाश में थी.
मल्टीनेशनल कंपनी से लिया था नंबर
अब सवाल ये है कि पुलिस को निकिता मिली कैसे? पुलिस ने सबसे पहले निकिता का नंबर निकाला. निकिता जिस मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती थी, पुलिस ने वहां से उसका नंबर निकाला और उसके परिवार वालों का भी नंबर सर्विलांस पर रखा. पुलिस लगातार निकिता और उसके परिवार वालों का नंबर ट्रेस कर रही थी. इसके बाद बेंगलुरु पुलिस भी गुरुग्राम के ब्लॉसम स्टेज पीजी पर पहुंची और निकिता को यहां से हिरासत में ले लिया. इसके बाद पुलिस की टीम ने निकिता की मां और उसके भाई को भी गिरफ्तार किया.
14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
अब पुलिस इस पूरे मामले की गहन जांच में जुट गई है कि आखिरकार किस तरीके से निकिता और उसके परिवार का इस पूरे सुसाइड केस के अंदर रोल था. तीनों आरोपियों को बेंगलुरु लाकर कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
मां और भाई भी हो गए थे फरार
निकिता की मां और भाई दोनों ही जौनपुर में अपने घर से फरार हो गए थे. बेंगलुरु पुलिस ने आरोपियों के घर पर नोटिस चिपका दिया था और तीन दिन के भीतर बयान दर्ज कराने का निर्देश दिया था. गिरफ्तारी से बचने के लिए दोनों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अंतरिम जमानत याचिका भी दायर की हुई थी. इन सबके बीच अतुल सुभाष के पिता का अपने पोते को लेकर दर्द भी सामने आया. पिता पवन मोदी ने कहा है कि उन्हें अपना पोता चाहिए. जब तक सभी आरोपियों पर कार्रवाई नहीं होगी. अस्थि विसर्जन भी नहीं करेंगे.
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