मुंबई: शिवसेना नेता और बीएमसी में स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन यशवंत जाधव का एक ऑडियो वायरल होने के बाद सियासत गरमा गई है. शिवसेना नेता बीएमसी के ठेकेदार को फोन पर धमकाते पकड़े गए हैं. फोन कॉल का ऑडियो वायरल होने के बाद बीजेपी ने यशवंत जाधव के इस्तीफे की मांग की है. बता दें 2022 की शुरुआत में मुंबई महानगर पालिका के चुनाव हैं, इससे पहले शिवसेना पर हमला बोलने का बीजेपी को नया मौका मिल गया है.


"मेरा मैसेज मिला कि नहीं ? आपको सिस्टम मालूम है कि नहीं ? क्यों मेरे इधर काम कर रहे हो, आप विड्रॉ कर लो." फोन पर यह बातचीत बीएमसी में स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन यशवंत जाधव और बीएमसी में ठेकेदार यश कॉरपोरेशन के बीच की है. पूरा मामला क्या है यह जानने से पहले आपको बता देते हैं कि यश कॉरपोरेशन को बीएमसी में ई टेंडर के जरिए मुंबई के ई वॉर्ड में 2.17 करोड़ रुपये का काम मिला है. वॉर्ड लेवल के कामों में नगर सेवकों की दखलअंदाजी कम हो, इसलिए तत्कालीन बीएमसी कमिश्नर अजय मेहता ने ई टेंडरिंग की प्रोसेस शुरू की, लेकिन शायद जिस मकसद से इस ई टेंडरिंग को शुरू किया गया वह मकसद पूरा होता नहीं दिख रहा, क्योंकि अभी वार्ड में नेताओं की दखलअंदाजी ठेकेदारों के काम में होती है. इसका जीता जागता उदाहरण वायरल ऑडियो है.


अब लौटते हैं उस ऑडियो क्लिप पर जिसमें यशवंत जाधव ठेकेदार पर दबाव बनाते हुए दिख रहे हैं कि वह उनके इलाके में बीएमसी से मिले हुए काम को वापस कर दें. कई बार समझाने के बाद भी जब ठेकेदार उनकी बात मानने के लिए तैयार नहीं होते तब यशवंत जाधव कहते हैं, "मैं समझता हूं कि तुम नहीं सुन रहे हो, नहीं समझ रहे हो, तुम्हारा आदमी वार्ड में कब आएगा या तुम कब आओगे, मैं मिलता हूं क्या, तुम कहां रहते हो वहां मैं आता हूं."


ऑडियो वायरल होने के बाद यशवंत जाधव ने यह तो माना कि वायरल ऑडियो में जो आवाज है, वह उनकी है, लेकिन उन्होंने ठेकेदार को धमकाने की बात से इनकार करते हुए उल्टा ठेकेदार पर ही आरोप लगाते हुए कहा कि ठेकेदार ही परसेंटेज की बात उनसे कर रहा था. साथ ही उन्होंने ठेकेदार पर शिवसेना को बदनाम करने का आरोप भी लगाया.


ऑडियो क्लिप के वायरल होने के बाद बीएमसी में विपक्ष में बैठे बीजेपी को भी शिवसेना को घेरने का मौका मिल गया. बीजेपी नेता विनोद मिश्रा ने सवाल पूछा है कि यशवंत जाधव स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन हैं या अंडरस्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन. विनोद मिश्रा ने आरोप लगाया है कि शिवसेना पिछले 25 सालों से बीएमसी की सत्ता पर काबिज है और इस ही तरह महापालिका को लूटने का काम शिवसेना ने किया है. उन्होंने कहा कि अगर थोड़ी सी भी शर्म यशवंत जाधव में बची हो तो उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.


आपको बता दें कि नियम के मुताबिक अगर किसी ठेकेदार को ई टेंडर के जरिए किसी वार्ड का काम मिलता है तो 3 दिनों में बीएमसी की ओर से ठेकेदार को काम करने के लिए चालान दिया जाता है. चालान वह दस्तावेज होता है, जिसके जरिए ठेकेदार उस इलाके में अपना काम शुरू कर सकता है. इस चालान के आधार पर कई बार ठेकेदार बैंक से लोन भी लेते हैं, लेकिन सवाल है कि क्या बीएमसी में नगरसेवक और कॉन्ट्रैक्टर पर दबाव बनाने का यह कोई पहला मामला है या इसी तरह से काम चलता है. बीएमसी को करीब से समझने वाले और सोशल एक्टिविस्ट दीपक सिंह से बताते हैं कि आख़िर कैसे सांठगांठ से ये पुरा काम होता है.


जानकारी के मुताबिक यश कॉरपोरेशन को वार्ड का काम ई टेंडर के जरिए मिले 1 महीने से भी ज्यादा का वक्त हो गया है, लेकिन राजनीतिक दबाव की वजह से जो चालान उन्हें नियम के मुताबिक 3 दिनों में दिया जाना चाहिए वह अबतक नहीं हो पाया है. शायद यही वजह है कि बीएमसी के प्रशासन पर भी अब सवाल खड़े होने लगे हैं.


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