औरंगाबाद: AIMIM सांसद इम्तियाज जलील ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या दौरे पर सवाल उठाया है. सांसद ने कहा कि देश में कोरोना की वजह से सभी धार्मिक स्थल बंद हैं, लेकिन पीएमओ कह रहा है कि जब प्रधानमंत्री आयोध्या जाएंगे तो वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे. वहीं, हम पास के मस्जिद में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ नमाज पढ़ेंगे तो वो गैरकानूनी है.


इम्तियाज जलील ने कहा- कानून सभी के लिए समान होना चाहिए
सांसद इम्तियाज जलील ने कहा कि कानून सभी के लिए समान होना चाहिए. हम मंदिर का विरोध नहीं कर रहे हैं. यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक हो रहा है. हालांकि सरकार त्योहार पर प्रतिबंध लगा रही है, क्या ये केवल आम लोगों के लिए है, प्रधानमंत्री के लिए नहीं? सांसद ने कहा कि पीएमओ का कहना है कि हम शिलान्यास के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे. हम भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे ताकि नमाज अदा कर सकें.


इम्तियाज जलील ने कहा- क्या अयोध्या जाने वाले लोगों का महामारी से किसी तरह का समझौता हो गया 


जलील ने दावा किया कि उत्तरप्रदेश में स्वास्थ्य ढांचा खराब है. हालांकि भाजपा ने कहा है कि करीब 200 व्यक्ति ही कार्यक्रम में शिरकत करेंगे और महत्वपूर्ण हस्तियों के पहुंचने के कारण बड़ी संख्या में पुलिस भी तैनात होगी. उन्होंने पूछा कि अगर इस कार्यक्रम के लिए दो घंटे की अनुमति दी जाती है तो सामान्य श्रद्धालुओं को मंदिरों में पूजा करने या मस्जिद में नमाज पढ़ने की अनुमति क्यों नहीं दी जा सकती, जहां बहुत कम समय लगता है. क्या अयोध्या जाने वाले लोगों का महामारी से किसी तरह का समझौता हो गया है या इस दौरान वायरस छुट्टी पर चला जाएगा.


पीएम मोदी 5 अगस्त को रखेंगे राम मंदिर की आधारशिला


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का बखूबी पालन किया जाएगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि ने पुणे में कहा कि शिलान्यास समारोह में 150 आमंत्रितों सहित 200 से अधिक लोग शामिल नहीं होंगे.


स्वामी गोविंद देव गिरि ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला के दर्शन करेंगे. साथ ही अयोध्या में हनुमान गढ़ी मंदिर में हनुमान जी की पूजा-अर्चना करेंगे. उन्होंने बताया कि शिलान्यास समारोह में अलग-अलग राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया जाएगा.


अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल पर तीन दिवसीय वैदिक अनुष्ठानों के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं. अनुष्ठान तीन अगस्त से शुरू होगा और 5 अगस्त को 'भूमि पूजन' के साथ ही समाप्त होगा.


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