कितने पक्के मुसलमान थे औरंगजेब: 'वो नमाज और इबादत के पाबंद थे, जुबानी याद थी पूरी कुरान'
इतिहासकार ऑड्री ट्रश्की ने कहा कि औरंगजेब की हमेशा से इच्छा थी कि वह खुद को अच्छा मुसलमान बनाएं, लेकिन उनका इस्लाम आज जितना कट्टर नहीं था.

'पांच टाइम की नमाज, पूरी कुरान जुबानी याद और सारे मुगल बादशाहों में सबसे ज्यादा धार्मिक', ये बातें अमेरिकी इतिहासकार ऑड्री ट्रश्की ने मुगल शासक औरंगजेब के बारे में बताई हैं. उनका कहना है कि औरंगजेब का इस्लाम आज के इस्लाम जितना कट्टर नहीं था. तीन सौ साल पहले मुगल शासक औरंगजेब ने हिंदुस्तान पर राज किया था और आज फिर से हिंदुस्तान में उनकी चर्चा है.
छत्रपति शिवाजी महाराज के बेटे संभाजी महाराज पर बनी बॉलीवुड फिल्म 'छावा' हाल ही में रिलीज हुई, जिसे लेकर समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने बयान दिया और फिर औरंगजेब विवाद शुरू हो गया. अब ये विवाद औरंगजेब की कब्र तक पहुंच गया है. महाराष्ट्र के औरंगाबाद के खुल्दाबाद में औरंगजेब की कब्र है, जिसे हटाने की विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने मांग की है. अबू आजमी के जिस बयान से विवाद शुरू हुआ था, उसमें उन्होंने कहा था क वह औरंगजेब को क्रूर शासक नहीं मानते हैं और उसे लेकर गलत इतिहास दिखाया जा रहा है. उसने अपने कार्यकाल में कई मंदिरों का निर्माण भी करवाया था.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी इतिहासकार ऑड्री ट्रश्की का भी कहना है कि औरंगजेब को जितना कट्टर पेश किया जाता है, वो वैसे नहीं थे. उन्होंने औरंगजेब को दूसरे मुगल बादशाहों की तुलना में ज्यादा श्रेष्ठ बताया है. उनका कहना है कि औरंगजेब काफी धार्मिक थे और वे ज्योतिषों से भी सलाह मशविरा किया करते थे.
ऑड्री ट्रश्की ने बताया कि औरंगजेब इतने धार्मिक थे कि वे नमाज और इबादत को लेकर बहुत पाबंद थे और उन्हें पूरी कुरान याद थी. उन्होंने बताया कि औरंगजेब हिंदू और मुस्लिम ज्योतिषों से कई विषयों पर सलाह लेते थे और कभी-कभार उस पर अमल भी करते थे. ऑड्री ट्रश्की ने कहा कि औरंगजेब की हमेशा ये इच्छा थी कि वे खुद को अच्छा मुसलमान बनाएं और उनका उस पर ही फोकस था. उन्होंने खुद को अच्छे मुसलमान के तौर पर पेश किया, लेकिन उनका इस्लाम आज का कट्टर इस्लाम नहीं था.
औरंगजेब की क्रूर छवि पर ऑड्री ट्रश्की बताती हैं कि वह उतने कट्टर नहीं थे, जितना उनके बारे में बताया जाता है. उन्होंने कहा कि मंदिरों और हिंदू त्योहारों को लेकर जो बताया जाता है, वैसा उन्होंने मुस्लिम त्योहारों के लिए भी किया. ऑड्री ट्रश्की ने कहा कि अगर औरंगजेब ने होली पर सख्ती दिखाई तो मुहर्रम और ईद पर भी उन्होंने सख्ती का प्रदर्शन किया. औरंगजेब ने मंदिर तोड़े तो कई मंदिरों में बड़ा दान भी किया.
यह भी पढ़ें:-
खालिस्तानियों पर एक्शन ले अमेरिका! आतंकी पन्नू के SFJ पर तुलसी गबार्ड से बोले राजनाथ सिंह
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

