Aurangzeb's Tomb: औरंगजेब के मकबरे पर जब श्रद्धांजलि देने गए थे शिवाजी के पोते, जानें मराठा राज में क्यों नहीं टूटा ढांचा
Aurangzeb Tomb: मुगल बादशाह औरंगजेब के शासनकाल में लंबे वक्त तक मराठाओं से युद्ध लड़ा गया, लेकिन इसके बावजूद मराठाराज में औरंगजेब का मकबरा नहीं तोड़ा गया.

Aurangzeb Tomb: छत्रपति संभाजीनगर जिले के खुल्दाबाद में मुगल बादशाह औरंगजेब का मकबरा पिछले कुछ दिनों से चर्चा में हैं. चर्चा इसलिए है क्योंकि इसे गिराने की मांग लगातार जोर पकड़ रही है. महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस इस अभियान का नेतृत्व करते नजर आ रहे हैं. छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सतारा के सांसद उदयनराजे भोसले ने भी औरंगजेब को चोर कहकर मकबरा तोड़ने का समर्थन किया है. हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'छावा' में भी जिस तरह मराठा शासक संभाजी महाराज की फांसी को दर्शाया गया, उसका ही असर है कि औरंगजेब के मकबरे को गिराने की मांग इस कदर परवान चढ़ रही है.
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे हिंदूवादी संगठन तो मकबरा तोड़ने पर आमदा है हीं, साथ ही बीजेपी के नेताओं के भी लगातार मकबरा तोड़ने के पक्ष में बयान आ रहे हैं. कुछ नेता तो इस मकबरे को मराठा अस्मिता को ठेंस पहुंचाने के तौर पर पेश कर रहे हैं. हालांकि इतिहास पर नजर डालें तो चीजें एकदम उलट भी दिखाई देती हैं. दरअसल, मराठा शासकों ने अपने राज के दौरान मुगल स्मारकों के प्रति सम्मानजनक जुड़ाव बनाए रखा था. मराठा साम्राज्य के पांचवें शासक और शिवाजी के पोते छत्रपति शाहू प्रथम तो श्रद्धांजलि देने के लिए औरंगजेब की कब्र पर भी गए थे.
ऐतिहासिक अभिलेखों में शाहू महाराज की यात्रा का वर्णन
औरंगजेब ने 1689 में संभाजी को फांसी पर लटकाया था और संभाजी के बेटे शाहू प्रथम को कैद करवा दिया था. इसके बाद छत्रपति शाहू ने पूरे 18 साल मुगलों के दरबार में ही बिताए. जब 1707 में औरंगजेब की मौत हो गई, तब कुछ समय बाद उन्हें रिहा किया गया. इसके बाद जब शाहू प्रथम मराठा शासक बने तो वह औरंगजेब की कब्र पर श्रद्धांजलि देने गए.
मराठा राज्य के इतिहास पर वी जी खोबरेकर की पुस्तक 'मराठा कालखंड' में शाहू की इस यात्रा का उल्लेख है. रिचर्ड ईटन की पुस्तक 'ए सोशल हिस्ट्री ऑफ द डेक्कन' में भी शाहू प्रथम के औरंगजेब की कब्र पर जाने का विवरण मिलता है.
मराठों और मुगलों के बीच लंबे समय से चली आ रही दुश्मनी और औरंगजेब द्वारा शाहू प्रथम के पिता संभाजी महाराज को मौत के घाट उतारने के बावजूद शाहू के शासनकाल में औरंगजेब के मकबरे के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई.
मराठा राज में संरक्षित थी मुगल इमारतें
छत्रपति शाहू प्रथम के बाद भी मराठा शासन के दौरान औरंगजेब के मकबरे सहित अधिकांश मुगल स्मारकों के साथ तोड़फोड़ नहीं हुई. मराठों ने कई मुगल इमारतों को संरक्षित किया. मराठा-नियंत्रित क्षेत्रों में कई मुगल स्थापत्य स्थल और मस्जिदें अच्छी तरह से संरक्षित थीं. हालांकि मुगलों से युद्ध के दौरान जरूर मराठाओं ने मुगल शाही इमारतों को लूटने का काम किया अन्यथा दुश्मनी के बावजूद, मराठाओं ने अपने राज में धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने के मामले में एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाया.
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