India-Australia: ऑस्ट्रेलिया से निकाले गए दो भारतीय जासूस, 'खुफिया जानकारी' चुराने का लगा आरोप, रिपोर्ट में दावा
Australia Expelled Indian Spies: ऑस्ट्रेलिया के जरिए भारतीय जासूसों को बाहर निकालने के मामले में अभी तक भारत की ओर से कोई बयान नहीं दिया गया है.
India-Australia Relations: ऑस्ट्रेलिया ने 2020 में दो भारतीय जासूसों को अपने देश से निष्काषित किया था. इन दोनों पर ऑस्ट्रेलिया के डिफेंस प्रोजेक्ट्स और एयरपोर्ट की सुरक्षा के बारे में कथित तौर पर खुफिया जानकारी चुराने की कोशिश करने का आरोप था. ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में मंगलवार (30 अप्रैल) को पब्लिश हुई रिपोर्ट्स में इसका दावा किया गया है. इस घटना के सामने आने के बाद भारत-ऑस्ट्रेलिया के रिश्तों में खटास पैदा हो सकती है.
दरअअसल, 'द ऑस्ट्रेलियन' और 'द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड' की खबरों में बताया गया कि 2020 में ऑस्ट्रेलिया ने दो भारतीय जासूसों को देश से निष्काषित किया था. हालांकि, एबीसी के तौर पर जाने जाने वाले 'ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन' की खबर में ये तो बताया गया है कि ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय जासूसों को देश से बाहर जाने को कहा है, लेकिन इसमें ये नहीं बताया गया कि कितने जासूसों के लिए इस ऑर्डर को जारी किया गया.
ऑस्ट्रेलिया की मीडिया ने क्या कहा?
एबीसी की रिपोर्ट में कहा गया, "संवेदनशील डिफेंस प्रोजेक्ट्स और एयरपोर्ट सिक्योरिटी के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया के व्यापार संबंधों की गोपनीय जानकारी चुराने की कोशिश करते हुए पकड़े जाने के बाद भारतीय जासूसों को ऑस्ट्रेलिया से निष्कासित कर दिया गया था." इसमें कहा गया कि 'ऑस्ट्रेलियन सिक्योरिटी इंटेलिजेंस ऑर्गेनाइजेशन' (एएसआईओ) ने 2020 में इस तथाकथित जासूसों के ग्रुप को पकड़ा था.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय जासूसों पर आरोप है कि वे ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीयों की निगरानी कर रहे थे. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि वे वर्तमान और पूर्व राजनेताओं के साथ भारतीयों के संबंधों पर भी नजर रख रहे थे.
भारत ने क्या कहा है?
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के जरिए भारतीय जासूसों के निकाले जाने को लेकर अभी तक भारत ने किसी भी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की है. वर्तमान में इस मुद्दे पर भारतीय अधिकारियों की प्रतिक्रिया देखने को मिल जाती है. इस मुद्दे पर न तो भारतीय विदेश मंत्रालय ने कुछ कहा है और न ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने.
वाशिंगटन पोस्ट ने भी दी थी जासूसों को निकाले जाने की जानकारी
वहीं, भारतीय जासूसों को लेकर ये रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है, जब वाशिंगटन पोस्ट ने दावा किया है कि पिछले साल अमेरिका में घुसकर खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की साजिश रचने में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के एक अधिकारी का हाथ था. भारत ने मंगलवार को कहा कि वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में एक गंभीर मामले पर अनुचित और निराधार आरोप लगाए गए हैं.
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2020 में रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) के दो अधिकारियों को ऑस्ट्रेलिया से निष्कासित कर दिया गया था. एबीसी ने कहा कि एएसआईओ के महानिदेशक माइक बर्गेस ने 2021 में वार्षिक खतरे की रिपोर्ट में जासूसों की जानकारी थी. हालांकि, उन्होंने ये नहीं बताया था कि वे किस देश से जुड़े हुए हैं.
यह भी पढ़ें: 'गंभीर मामले पर निराधार आरोप', पन्नू की हत्या की साजिश वाली वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट पर बोला भारत