Australian Air Force का P8A विमान पहुंचा भारत, एंटी-सबमरीन वारफेयर ऑपरेशन में लेगा भाग
Australian Air Force: आस्ट्रेलियाई वायुसेना का टोही विमान पी8ए भारत के दौरे पर आया है. आस्ट्रेलियाई पी8ए विमान भारतीय नौसेना के पी8आई के साथ ऑपरेशन में हिस्सा लेगा.
Australian Air Force: आस्ट्रेलियाई वायुसेना का टोही विमान पी8ए इन दिनों भारत के दौरे पर आया है. गोवा स्थित आईएनएस हंस नेवल बेस पर आस्ट्रेलियाई पी8ए विमान भारतीय नौसेना के लॉन्ग रेंज मेरीटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट, पी8आई के साथ कोर्डिनिडेट एयर ऑपरेशन्स में हिस्सा लेगा. खास बात ये है कि कुछ दिनों पहले ही आस्ट्रेलिया के इस पी8ए विमान को चीन के जे-16 फाइटर जेट ने दक्षिण चीन सागर के आसमान में उड़ान भरने के दौरान खदेड़ दिया था. आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने इस घटना पर कड़ा विरोध जताया था.
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक, रॉयल आस्ट्रेलियाई एयरफोर्स (आरएएएफ) का पी8ए विमान 7-9 जून के बीच पी8आई विमान के साथ एंटी-सबमरीन वारफेयर और सर्फेस सर्विलांस ऑपरेशन्स में हिस्सा लेगा. इस दौरान आईएनएस हंस नेवल बेस स्थित नौसेना की आईएनएएस 316 स्कॉवड्रन आस्ट्रेलियाई एयरफोर्स के विमान-दल के साथ विचार-विमर्श भी करेगा.
पी8ए का इस वक्त भारत आना बेहद अहम
भारत और आस्ट्रेलिया की नौसेनाएं और वायुसेनाएं मालाबार और आसइंडेक्स जैसी एक्सरसाइज में हिस्सा लेती आई है. भारतीय नौसेना का पी8आई विमान आस्ट्रेलिया के डारबिन एयर बेस से भी ऑपरेट कर चुका है लेकिन पी8ए का ऐसे समय में भारत आना बेहद अहम है जब चीन के साथ आस्ट्रेलिया की तनातनी चल रही है.
दरअसल, 26 मई को आस्ट्रेलिया का पोसाइडन यानि पी8ए विमान दक्षिणी चीन सागर में एयक-सर्विलांस मिशन पर था. उसी दौरान चीन के जे-16 लड़ाकू विमान ने पी8ए विमान के करीब खतरनाक मैन्युवर (हवा में कलाबाजी) करना शुरू कर दिया. इसके अलावा जे-16 विमान ने एल्युमीनियम के शाफ यानि छोटे-छोटे टुकड़े गिराने शुरू कर दिए तकि वे पी8ए विमान के इंजन तक पहुंच जाए और विमान समंदर में गिर जाए.
बोइंग कंपनी करती है निर्माण
पोसाइडन अमेरिका का टोही विमान है जिसका निर्माण बोइंग कंपनी करती है. अमेरिका, आस्ट्रेलिया और भारत सहित कई देश इस मेरीटाइम रेकोनेसेंस एंड पैट्रोल एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल करते हैं. भारतीय नौसेना इसी पोसाइडन के पी8आई संस्करण का इस्तेमाल समुद्री-सीमाओं की सुरक्षा और एंटी-सबमरीन वॉरफेयर के लिए इस्तेमाल करती है.
26 मई की घटना को लेकर आस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्रालय और प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने कड़ा विरोध किया है. आपको बता दें कि चीन और आस्ट्रेलिया के इन दिनों प्रशांत महासागर में संबंध काफी खराब चल रहे हैं.
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