आर्थिक तंगी के कारण ऑटो ड्राइवर ने की खुदकुशी, परिवार को मिला 25 किलो गेहूं-चावल
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के कारण लाखों लोगों का रोजगार छिन गया है. लॉकडाउन के कारण ही आर्थिक तंगी का शिकार हुए बिहार के एक ऑटो ड्राइवर ने खुदकुशी कर ली.
पटना: देश में जानलेवा कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए लॉकडाउन के कारण लाखों लोगों का रोजगार छिन गया है. बिहार की राजधानी पटना से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. पटना में आर्थिक तंगी का शिकार हुए एक ऑटो ड्राइवर ने खुदकुशी कर ली.
पटना के शाहपुर में रहने वाले इस शख्स के परिवार वालों ने बताया कि उसने लॉकडाउन में ऑटो चलाकर पैसा कमाने का काफी प्रयास किया, लेकिन वह असफल रहा. इसके अलावा उसे लॉकडाउन के कारण कहीं दिहाड़ी मजदूरी का काम भी नहीं मिला. उसने लोन लेकर ऑटो खरीदा था, लेकिन लॉकडाउन के कार वह पिछले तीन महीनों से किस्त भी नहीं दे सका था. इस कारण वह काफी परेशान था. आर्थिक तंगी को देखते हुए उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी.
डीएम ने दिया 25 किलो गेहूं-चावल
मृतक ऑटो ड्राइवर प्रदीप कुमार सिंह के पिता विजय सिंह ने कहा कि प्रदीप ने हताश होकर शनिवार रात को चादर का फंदा बनाकर खुदकुशी कर ली. उन्होंने आगे कहा, लाख कोशिशों के बावजूद अभी तक हम लोगों का राशन कार्ड भी नहीं बना है. हालांकि, आर्थिक तंगी के कारण बेटे की खुदकुशी की खबर सुनकर पटना जिला के डीएम ने मुआवजे के रूप में परिवार को 25 किलो गेहूं-चावल दिया.
प्रदीप की मौत से बिहार में फिर उठा बेरोजगारी का मुद्दा
शाहपुर के 25 साल के इस ऑटो ड्राइवर की खुदकुशी ने बिहार में एक बार फिर बेरोजगारी के मुद्दे को फोकस में ला दिया है. इसके बाद विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला था.
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