मुंबईः लॉकडाउन के बीच अनलॉक-1 शुरू हो गया है. मुंबई की सड़कों पर भले ही लोगों की भीड़ दिख रही हो, हाईवे पर जाम लग रहा हो, बसों में चढ़ने वालों की भीड़ लगी हो लेकिन मुंबई के हज़ारो ऑटो रिक्शा सड़कों पर खड़े हैं और उनके ड्राइवरों की रोजी रोटी के लाले पड़े हैं क्योंकि उनके ऑटो रिक्शा में बैठने वाले यात्री नहीं मिल रहे.


ऑटो रिक्शा ड्राइव शेख बागवान ने बताया कि कोरोना के डर से लोग ऑटो में बैठना नही चाहते. उन्होंने कहा कि ऑटो रिक्शा में सुरक्षा की सारी व्यवस्था कर रखी है. यात्री और चालक के बीच एक पॉलिथीन की कवर भी लगा रखी है उसके बावजूद यात्री ऑटो रिक्शा का इस्तेमाल नहीं करना चाहते. दिन भर में 200 की भी कमाई होना मुश्किल है और जो लोग सफर करते हैं वह थोड़ी दूर ही जाते हैं. ऐसे में हमारी लागत भी नहीं निकल पाती, कैसे गुजर बसर होगा हमें पता नहीं.


शेख बताते हैं कि बच्चों के ऑनलाइन स्कूल क्लासेस भी शुरू हो रहे हैं. स्कूल बच्चों की फीस भरने के लिए बार-बार मैसेज कर रहे हैं लेकिन जब कमाई ही नहीं हो रही तो बच्चों की फीस कैसे भरी जाए और घर का खर्चा कैसे चले?


मुंबई में करीब 18 साल से रिक्शा चलाने वाले शिवलिंग पुजारी बताते है कि लॉकडाउन के तीन महीने किसी तरह से कर्ज ले लेकर परिवार पाला लेकिन अब जब रिक्शा चलाने का मौका मिला तो सवारी कोरोना के डर से बैठ नहीं रही है. तीन महीने से खड़े ऑटो रिक्शा खराब हो गए हैं. स्टार्ट होने में दिक्कत आ रही है, पैसे नही कैसे ठीक कराये?


मुंबई में लोकल ट्रेन बंद है. चलने वाली बसों में भीड़ है. मुंबई की सड़कों पर भी भीड़ दिख रही है और जो लोग निकल रहे है वो अपने निजी वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं. बाकी लोग सुरक्षा के कारण ऑटो रिक्शा में बैठने से डर रहे है .


अगर यही हालात रहे तो दिल्ली बन जाएगा देश में कोरोना कैपिटल- दिल्ली हाई कोर्ट