पिछले 48 घंटों में सेना का सामना करीब 32 एवलांच से हुआ, 4 जवानों की मौत
सेना मुख्यालय के मुताबिक, उत्तरी कश्मीर से सटी पूरी एलओसी पर उरी-गुलमर्ग, बारामूला, केरन, कुपवाड़ा, तंगधार, माछिल, गुरेज और नौगाम सेक्टर में इस साल काफी ज्यादा बर्फ प़ड़ी है.
नई दिल्लीः खराब मौसम के चलते एलओसी पर पिछले 48 घंटे भारतीय सेना के लिए बेहद मुश्किल भरे बीते हैं. उत्तरी कश्मीर से सटी एलओसी पर रविवार और सोमवार की रात को भारतीय सैनिकों को कम से कम 32 एवलांच यानि बर्फीले तूफानों से आमना सामना हुआ. इन एवलांच में चार जवानों की मौत की खबर है. एलओसी के माछिल सेक्टर में एवलांच में सेना की एक पोस्ट आ गई, जिसके चलते पांच सैनिक उसकी चपेट में आ गए.
सेना के मुताबिक, रविवार और सोमवार को इस सेक्टर में करीब 46 इंच (117 सेमी) बर्फबारी हुई.नौगाम सेक्टर में भी करीब 48 इंच (122 सेमी) बर्फबारी हुई.
Jammu & Kashmir: Body of the missing soldier has been recovered. 4 out of the 5 soldiers, who were caught in the snow slide in Macchil sector have lost their lives. https://t.co/bIYPxQ15bC
— ANI (@ANI) January 14, 2020
गांदरबल इलाके में एवलांच से पांच नागरिकों की मौत
खबर ये भी मिली है कि गांदरबल इलाके में एवलांच की चपेट में आने से पांच (05) नागरिकों की भी मौत हुई है. खबर है कि एलओसी से सटे पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर यानि पीओके में बर्फबारी और एवलांच से भारी नुकसान हुआ है.
भारतीय सेना के मुताबिक, पिछले 48 घंटे में उत्तरी कश्मीर में जबरदस्त बर्फबारी हुई और बर्फीले तूफान के साथ साथ बर्फ के खिसकने की खबर है. मौसम विभाग के अलर्ट के बावजूद सेना ने सुरक्षा कारणों से एलओसी की अपनी अग्रिम चौकियों (फॉरवर्ड पोस्ट्स) को खाली नहीं किया.
हालांकि, खराब मौसम और एवलांच से बचने के काफी इंतजाम किए गए थे. जहां-जहां एवलांच का खतरा था वहां एवलांच-रूट मेकर और रस्सियों का जाल बिछा दिया गया था. इन जगहों पर करीब 40 फुट उंचे पोल लगाए गए थे. गुरेज के कंजवालन इलाके से 200 सैनिकों को पहले से ही सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया था.
तंगधार सेक्टर में एवलांच
तंगधार सेक्टर में भी सात सैनिक एवलांच की चपेट में आ गए थे लेकिन सभी को सुरक्षित बचा लिया गया. उरी-गुलमर्ग सेक्टर में भी एक पोस्ट बर्फ खिसकने की चपेट में आई जिसमें सात जवान फंस गए थे, लेकिन सभी को सुरक्षित बचा लिया गया. रविवार को बर्फ में फिसलने के बाद से एक सैनिक गुलमर्ग में लापता है. गुलमर्ग में भी करीब 24 इंच बर्फबारी की रिपोर्ट है.
सेना मुख्यालय के मुताबिक, उत्तरी कश्मीर से सटी पूरी एलओसी पर उरी-गुलमर्ग, बारामूला, केरन, कुपवाड़ा, तंगधार, माछिल, गुरेज और नौगाम सेक्टर में इस साल काफी ज्यादा बर्फ प़ड़ी है. हालांकि मौसम विभाग ने अब कम बर्फ का संकेत दिया है. लेकिन खतरा अभी टला नहीं है. क्योंकि आने वाले दिनों में अगर तापमान बढ़ा तो भारी बर्फ खिसक सकती है. इसलिए सभी पोस्ट्स को अलर्ट पर रखा गया है, ताकि खराब मौसम से लड़ा जा सके और सैनिक सुरक्षित रहें.
सेना के मुताबिक, लेह-लद्दाख और करगिल इलाके में इस दौरान बेहद सर्दी है लेकिन वहां इस साल उत्तरी कश्मीर के मुकाबले कम बर्फ जमा हुई है. उत्तरी सियाचिन ग्लेशियर में सोमवार को सबसे कम तापमानम, माइनस (-) 57 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, लेकिन भारतीय सैनिक वहां अपनी डयूटी मुस्तैदी से कर रहे हैं.